अच्छा कार्य करने वाली महिला उप निरीक्षकों को बनाया जायेगा थानाध्यक्ष : एसएसपी

एसकेएम न्यूज सर्विस
देहरादून। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा जनपद में नियुक्त महिला उपनिरीक्षको के कार्यों की समीक्षा की। एसएसपी ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाली महिला उप निरीक्षक को थानाध्यक्ष, वरिष्ठ उपनिरीक्षक व चौकी प्रभारी बनाया जायेगा।
आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा जनपद देहरादून के विभिन्न थानो, शाखाओ में नियुक्त महिला उप निरीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से गोष्ठी आयोजित की। गोष्ठी के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी महिला उप निरीक्षको से उनके द्वारा सम्पादित की जा रही विवेचनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उसमें अब तक की गई कार्यवाही व विवेचनाओ की अध्यतन स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई। साथ ही उपस्थित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी निर्गत किये।
एसएसपी द्वारा निर्देश दिए कि सभी महिला उपनिरीक्षक उनके द्वारा की जा रही विवेचनाओ को समय से पूर्ण करना सुनिश्चित करें, किसी की विवेचना को बिना किसी कारण के अनावश्यक रूप से लंबित ना रखा जाए। मई 2022 से पूर्व कि लंबित विवेचनाओ को आगामी 15 दिवस के भीतर पूरा करना सुनिश्चित करें। महिला संबंधी अपराधों से संबंधित विवेचनाओ का समय पर निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक थाना प्रभारी प्रत्येक 07 दिवस में तथा संबंधित क्षेत्राधिकारी प्रत्येक 15 दिवस में उक्त विवेचनाओं का पर्यवेक्षण करते हुए उनकी अद्यतन स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे। बलात्कार, पॉस्को एक्ट के अभियोगों की विवेचना को निर्धारित 02 माह की समयावधि के भीतर पूरा किया जाये, ऐसी विवेचनाओं को अनावश्यक रूप से लंबित रखने वाली विवेचकों के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जाएगी तथा सम्बन्धित थाना प्रभारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी। दहेज, उत्पीड़न व अन्य महिला संबंधी अपराधों, जिनमें 7 साल से कम की सजा का प्रावधान हो, ऐसे मामलों में धारा 41 (क) सीआरपीसी के तहत माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। महिला संबंधी अपराधों में वादनी व पीड़िता को अनावश्यक रूप से परेशान ना किया जाए, ऐसे मामलों में उनकी बातों को पूर्ण संवेदनशीलता के साथ सुना जाए तथा विवेचना के दौरान उनके द्वारा उपलब्ध कराए गये साक्ष्यों को विवेचना में सम्मिलित किया जाये। बलात्कार/ पॉक्सो/ एनडीपीएस तथा आबकारी अधिनियम के तहत जिन साक्ष्यों/ मार्लों का परीक्षण कराया जाना हो, उन्हें समय से फॉरेंसिक साइंस लैब अथवा संबंधित विभागों को भेज दिया जाए, इसमें अनावश्यक देरी ना की जाए। सभी थाना प्रभारी इस बात को सुनिश्चित करें कि जिन आदतन अपराधियों का गुंडा एक्ट के तहत चालान किया गया है, उनकी 01 माह के भीतर जिला बदर की कार्रवाई सुनिश्चित कर ली जाए, साथ ही वर्तमान में उनके चाल- चलन की रिपोर्ट 02 दिवस के भीतर जिलाधिकारी देहरादून महोदय को प्रेषित की जाए। महिला संबंधी शिकायत पर थाने पर मौजूद महिला अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर पीड़िता से जानकारी प्राप्त करते हुए उसका समयबद्ध निस्तारण करना सुनिश्चित करें। नाबालिक बच्चों, महिलाओं व अन्य मानव गुमशुदगी की रिपोर्ट प्राप्त होते ही तत्काल उसे दर्ज किया जाए तथा उस पर निर्धारित समय अवधि के भीतर अभियोग पंजीकृत करते हुए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही अथवा लापरवाही ना बरती जाये। पुलिस अधीक्षक नगर/ग्रामीण तथा सभी क्षेत्राधिकारियों अपने-अपने सर्कल में अच्छा कार्य करने वाली महिला उप निरीक्षकों की जानकारी उपलब्ध कराएं, अच्छा कार्य करने वाली महिला उप निरीक्षकों को थानाध्यक्ष, वरिष्ठ उप निरीक्षक व चौकी प्रभारी के पद पर नियुक्त किया जाएगा। गोष्ठी में पुलिस अधीक्षक अपराध/ पुलिस अधीक्षक नगर /पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, समस्त पुलिस क्षेत्राधिकारियों, थाना प्रभारियों व समस्त महिला विवेचको द्वारा ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया गया।