skmnewsservice

सिख गुरूओं ने धर्म के लिये बलिदान किया : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
ऋशिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज मानव कल्याण और शान्ति के अग्रदूत गुरू गोबिंद सिंह जी के प्रकाश वर्ष के अवसर पर हेमकुण्ड गुरूद्वारा, ऋषिकेश पधारे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड सरकार प्रेमचन्द्र अग्रवाल, निर्मल आश्रम से संत रामसिंह महाराज, हेमकुण्ड गुरूद्वारे के अध्यक्ष, ट्रस्टीगण तथा अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत की धरा पर ईश्वरीय शक्ति के रूप में समय-समय पर ऐसी अनेक विभूतियों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने वचनों तथा जीवन कर्मों के माध्यम से हमारे समाज और मानवता और श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों का ज्ञान कराया। स्वामी जी ने कहा कि गुरू नानक जी की तत्कालीन राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक स्थितियों को देखते हुये सिख धर्म की स्थापना की। गुरू नानक देव जी ने ‘सर्वमहान, सत्य सत्ता’ की पूजा का सिद्धांत प्रतिपादित किया तथा तीन कर्तव्यों-नाम जपना, कीरत करना, वंड छकना के पालन का संदेश दिया। गुरूगोबिंद सिंह जी अपने समय के महान समाज-सुधारक थे उन्होंने समाज में व्याप्त आडंबरों, पाखंडों और कुरीतियों का कड़ा विरोध किया और वे जबरन धर्मांतरण के भी सख्त खिलाफ थे। उन्होंने समाज में एकता पर जोर दिया क्योंकि एकता में बहुत शक्ति होती है। गुरू नानक देव जी ने छोटे -बड़े का भेद मिटाने के लिए लंगर की शुरुआत की थी। लंगर प्रथा पूरी तरह से समानता के सिद्धांत पर आधारित है, जो आज भी समाज के विभाजित खाई को भरती हैं।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने गुरू नानक देव जी ने दस सिद्धांत-ईश्वर एक है, ईश्वर की उपासना करो, कर्ता सब जगत और सब प्राणी मात्र में मौजूद है, सर्वशक्तिमान ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता, ईमानदारी से मेहनत करके उदरपूर्ति करना चाहिये, बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएँ, सदा प्रसन्न रहना चाहिए, ईश्वर से सदैव क्षमाशीलता मांगते रहे, मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके उसमें से जरूरतमंद को भी कुछ अंश देना चाहिये तथा सभी स्त्री और पुरूष बराबर हैं जैसे अनेक सूत्र दिये। स्वामी जी ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस घोषित कर सिख परम्परा को गौरवान्वित किया है। सिखों के दशम गुरू व खालसा पंथ के संस्थापक गुरूगोंबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनायें देते हुये उन्हें भावाजंलि अर्पित की।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *