विपक्ष के विधायकों का निलंबन निराधार : गरिमा मेहरा दसौनी

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून 14 मार्च। कांग्रेस के 15 विधायकों पर निलंबन की कार्यवाही का कड़ा विरोध करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने सरकार पर तीखा प्रहार किया है। गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा के भाजपा बहाने चाहे कुछ भी बनाए दरअसल सच्चाई यह है कि प्रदेश की राजनीति में जिस तरह से नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट हो रही है उसके चलते भाजपा नेता गैरसैंण में रहना ही नहीं चाहते। सच्चाई यह है की भाजपा के ज्यादातर मंत्री विधायक इस वक्त अपने चहेतों के पक्ष में लॉबिंग करने के लिए दिल्ली प्रस्थान करना चाहते हैं और इसी मंशा के चलते अनर्गल आरोप लगाकर विपक्ष के 14 विधायकों को जिस तरह से बिना किसी आधार के निलंबित किया गया है वह अपने आप में आश्चर्यजनक है। दसोनी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि मुख्य विपक्षी दल के विधायक सत्ता पक्ष के मंत्रियों के कच्चे होमवर्क और आधे अधूरे जवाबों से नाराज होकर वेल में आए हो या विरोध प्रदर्शन कर रहे हो। अधिकतर विधानसभाओं में सत्र के दौरान इस तरह विरोध प्रदर्शन आम बात है, परंतु 14 विधायकों का निलंबन करना कहीं ना कहीं पूर्वाग्रह को उजागर करता है। गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा की भाजपा लगातार लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने पर तुली हुई है क्योंकि मुख्य विपक्षी दल के विधायकों को संविधान विरोध दर्ज कराने का अधिकार देता है और पहली बार नहीं की विपक्ष के नेताओं ने ऐसा किया हो। दसोनी ने कहा की दाल में काला है और असलियत यह है कि इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता अपने आप को गैरसैंण और दिल्ली के बीच में बंटा हुआ महसूस कर रहे हैं। लगभग सभी लोग हाईकमान के सामने अपनी पसंद के नेता की पैरवी करने के लिए दिल्ली पहुंचना चाहते हैं यही कारण है की एक तरफ सत्र है और दूसरी तरफ नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट। दसौनी ने कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत विपक्ष के विधायकों का निलंबन सदन से किया गया है। दसोनी ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस इस निलंबन का पुरजोर शब्दों में विरोध करती है।