धान के उत्पादन को बढाने के लिए भूमि एवं बीज शोधन की दी जानकारी

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
सहारनपुर, 07 जून। जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र के निर्देशों के अनपुालन में जिला कृषि रक्षा अधिकारी शिप्रा ने बताया कि धान मे भूमि एंव बीज को शोधित करने से बीज एंव भूमि जनित रोगो का नियंत्रण एंव बीज जमाव मे वृद्धि होती है। उन्होने भूमि शोधन के बारे में बताते हुए कहा कि फसल को भूमि जनित रोगो से बचाने के लिये ट्राईकोडर्मा 2 प्रति0 डब्लू पी0 की 2.5 कि0ग्रा0 प्रति हे0 60-75 कि0ग्रा0 सडी हुई गोबर की खाद मे मिलाकर हल्के पानी का छींटा देकर 8-10 दिन तक छाया मे रखने के उपरान्त आखिरी जुताई के समय ख्ेातो मे मिला दे। दीमक, सफेद गिडार सूत्रकृमी ,जड की सूंडी, कटवर्म आदि कीटो से बचाव हेतु ब्यूवेरिया बेसियाना 1 प्रति डब्लूपी बायोपेस्टीसाइड की 2.5 किग्रा मात्रा प्रति हे0 60-75 किग्रा गोबर की खाद मे मिलाकर हल्के पानी का छीटा देकर 8-10 दिन तक छाया मे रखने के उपरान्त बुवाई के पूर्व आखिरी जुताई पर भूमि मे मिला देना चाहिये। बीज शोधन के लिए 25 किग्रा धान का बीज शोधित करने के लिये पहले दिन शाम को 48 लीटर पानी मे 4 ग्राम स्टेªप्टोसाइक्लीन 90 प्रतिशत ई्सी या 40 ग्राम स्टेªप्टोमाईसीन 90 प्रति+ टेटराहाईड्रोक्लोराईड 10 प्रति को पानी मे घोलकर उसमे बीज लगभग 12-15 घंटे तक भिगोये इसके बाद पानी निकाल कर बीज को छाया मे सुखाने के पश्चात उसमे 50 ग्रा कार्बनडाजिम 50 प्रति0 या थीरम 75 ग्राम को मिलाकर रख दे इसके पश्चात बीज की बुवाई कर दे। धान नर्सरी की देखभाल के बारे में बताया कि नर्सरी बुवाई के 10-15 दिन बाद ट्राइकोडर्मा 4-5 ग्राम/लीटर पानी मे घेाल बना कर एक छिडकाव अवश्य करें। धान की नर्सरी मे पत्तियो पर पीले एंव कत्थई रंग के धब्बे (खैरा रोग) दिखाई देने पर 5 कि0ग्रा0 जिंक सल्फेट 20 कि0ग्रा0 यूूरिया का 2.5 कि0ग्रा0 बुझे चूने के साथ मिलाकर 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति है0 छिडकाव करे। नर्सरी मे पानी का तापक्रम बढने पर उसे निकाल कर पुनः पानी देना सुनिश्चित करे। कृषक बन्धुओ को अवगत कराना है कि सहभागी फसल निगरानी एंव निदान प्रणाली (पी0सी0एस0आर0एस0) से कृषि क्षेत्र मे सूचना क्रान्ति के द्वारा कृषको की समस्या का निदान 48 घंटे मे किया जाता हैं। इसके लिये किसान भाई अपनी फसल मे कीट/रोग समस्या के निदान हेतु कृषि विभाग मे अपना पंजीकरण संख्या अथवा अपना नाम ,ग्राम का नाम ,विकास खण्ड, जिले का उल्लेख करते हुए विभाग के विशेष मोबाइल नं0 9452247111 एवं 9452257111 पर एस0एम0एस0 या व्हाटसएप पर अपनी समस्या भेज दें। उनका निदान 48 घंटे के अन्दर जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा कर दिया जायेगा। कृषको से अनुरोध है कि कीट/रोग से सम्बन्धित समस्या के निराकरण हेतु प्रत्येक ब्लॉक मे स्थित कृषि रक्षा इकाई/बीजगोदाम पर कार्यरत कर्मचारी से सम्पर्क कर समस्या का निदानप्राप्त कर सकते है साथ ही अनुदानित ﴾50प्रति0﴿ कृषि रक्षा रसायन एंव खरपतवारनाशी ﴾प्रिटिलाक्लोर﴿ प्राप्त कर सकते है।