ट्रांसजेंडरों को सशक्त बनाना: समावेशन की कहानियां विकसित भारत संकल्प यात्रा की पहचान

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

नई दिल्ली। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ ने लाखों लोगों को जोड़ते हुए और विकास की भावना को प्रोत्‍साहित करते हुए समूचे भारत में आशा का संचार किया है। यह उज्ज्वल भविष्य के सामूहिक सपने को बढ़ावा देने के लिए विविध पृष्ठभूमियों के अनगिनत व्यक्तियों को जोड़ रही है।

यूं तो आंकड़े प्रगति की तस्वीर पेश कर सकते हैं और करते भी हैं, लेकिन कुछ कहानियां संख्याओं से बढ़कर हमारी भावनाओं से गहराई से जुड़ती हैं। ऐसी ही एक कहानी नीलेश नाम के ट्रांसजेंडर की है, जिसने कैटरिंग की दुनिया में सफलतापूर्वक अपनी राह बनाई है।

पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के माध्यम से, वर्धा, महाराष्ट्र के निवासी नीलेश को 10,000 रुपये का ऋण मिला, जिसने उनके लिए प्रेरणादायक उद्यमशील यात्रा हेतु उत्प्रेरक का काम किया। नीलेश को कई शुरुआती चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अटूट दृढ़ संकल्प और सकारात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें एक समृद्ध कैटरिंग व्यवसाय स्थापित करने में मदद की। नीलेश ने न केवल कैटरिंग व्यवसाय स्थापित किया है, बल्कि ‘मोहिनी बचत गट’ नामक एक स्वयं सहायता समूह बनाकर दूसरों को भी प्रेरित किया है, जहां ट्रांसजेंडर और महिलाएं वित्तीय सशक्तिकरण के लिए एकजुट होते हैं। नीलेश की कहानी दूसरों को सामाजिक बाधाओं को दूर करने और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है। नीलेश पीएम स्वनिधि योजना को “वरदान” होने का श्रेय देते हैं, जिससे उन्हें अपनी क्षमता को लाभ उठाने और वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने का अवसर मिला।

दूसरी कहानी एक ट्रांसजेंडर उद्यमी सुश्री मोना की विकास यात्रा की है, जिन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान अपने अनुभव किसी और के साथ नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के साथ साझा किए। मोना की यह यात्रा चंडीगढ़ में चाय की एक छोटी सी दुकान खोलने के साथ शुरू हुई और उन्होंने आत्मनिर्भरता की जोत जलाई। उन्होंने पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना से 10,000 रुपये के ऋण से यह छोटी सी चाय की दुकान खोलकर उन्होंने वित्तीय स्वतंत्रता के मार्ग पर चलना शुरू किया। इसके बाद उन्हें क्रमशः 20,000 रुपये और 50,000 रुपये के दो और ऋण मिले, जिससे उनकी यह यात्रा और मजबूत हुई। पीएम स्वनिधि ने मोना को सामाजिक पूर्वाग्रहों से ग्रसित जीवन से बचने और एक ऐसी दुनिया में अपने लिए स्थान बनाने का अवसर मिला, जो अक्सर ट्रांसजेंडर समुदाय की उपेक्षा करता है।

नीलेश और मोना की यह परिवर्तनकारी यात्राएं केवल उनकी ही विजय नहीं हैं; बल्कि ये प्रगति और सशक्तिकरण को बड़े कैनवास पर चित्रित करती हैं। उनकी यह तरक्की इस यात्रा द्वारा संभव बनाए गए उनके अनुभवों को साझा करने के दौरान स्वयं प्रकट हो रही है। पीएम स्वनिधि योजना स्ट्रीट वेंडरों को औपचारिक आर्थिक दायरे में लाने और उनका जीवनस्तर ऊपर उठाने के लिए एक नया गतिशील मार्ग प्रशस्त करने में सहायक रही है। 20 दिसंबर तक 57 लाख से अधिक लोग पीएम स्वनिधि योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। वे इस बात की भी याद दिलाते हैं कि प्रगति केवल आंकड़ों की उपलब्धि भर नहीं है, बल्कि यह व्यक्तियों को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने में सक्षम बनाने के बारे में भी है, जो एक समृद्ध भारत में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जैसा कि विकासशील भारत संकल्प यात्रा जोड़ने और सशक्त बनाने के अपने मिशन में लगी हुई है, हम आत्मविश्वास से यह उम्मीद कर सकते हैं कि ऐसी कहानियां हमें प्रेरित करने के साथ हमें सभी को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएंगी।

 

 

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