जनपदों में लगाया गया डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून। सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण ओवरस्पीड है जिसके कारण राज्य में कई सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है। मुख्तार मोहसिन पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात, उत्तराखण्ड द्वारा उक्त कारण का विश्लेषण करने के उपरान्त राज्य में गतिसीमा के निर्धारण के लिये जनपदों को निर्देशित किया गया तथा इसके साथ ही उपकरणों से गतिसीमा की चेतावनी के लिये राज्य में पहली बार प्रारम्भिक चरण में हाईटेक गतिसीमा बोर्ड (डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड) क्रय किये गये है। इस वर्ष यातायात निदेशालय द्वारा कुल 10 डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड क्रय किये गये है। जिनको जनपदों में लगाया गया है। देहरादून-03, हरिद्वार-03, ऊधमसिंहनगर – 03, नैनीताल 01 क्या होता है डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड– रडार स्पीड साइन बोर्ड गतिसीमा का एक हाईटेक उपकरण होता है जो सड़क पर लगाया जाता है ताकि वाहन चालकों को उनकी गाड़ी की गति की सूचना मिल सके। यह साइन बोर्ड रडार तकनीक का उपयोग करता है जो आगे आ रहे वाहनों की गति को मापने के लिए होती है। जब कोई वाहन इस साइन बोर्ड के पास से गुजरता है, तो उसकी गति साइन बोर्ड पर प्रदर्शित हो जाती है। जैसे अगर गति सीमा 20 निर्धारित की गई है तो यह 20 तक एम्बर लाईट ब्लिंक करेगा और अगर 20 से ऊपर किसी वाहन चालक की गति होगी तो यह लाल लाईट ब्लिंक करेगा। यह एक सुरक्षा उपाय के रूप में भी काम करता है क्योंकि यह वाहन चालकों को अपनी गाड़ी की गति को निर्धारित गति  में रहने के लिए प्रेरित करता है और सुरक्षित गति चेतावनी प्रदर्शित करता है। मुख्तार मोहसिन,पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात उत्तराखण्ड द्वारा बताया गया कि डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड पर अपने वाहन की गति सीमा देखने के पश्चात  वाहन चालकों पर एक मनौवेज्ञानिक दबाव आयेगा जिससे अगर उनके वाहन की रफ्तार अधिक होगी तो वह अपने वाहन की रफ्तार को स्वयं से कम कर लेंगे। इसके साथ ही यदि किसी वाहन में बच्चे उक्त बोर्ड को देखेगें तो वह अपने माता-पिता या संरक्षक को बतायेगे कि आपके वाहन की अधिक है या कम जिससे वह बच्चे भविष्य के लिए गति-सीमा के पालन हेतु प्रेरित होगे।

 

 

 

 

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