एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून, 3 फरवरी। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कोरोना महामारी एवं अन्य आपातकाल में अल्प समय के लिए अपनी सेवाएं देने वाले बेरोजगारों को राज्य सरकार की विभागीय भर्तियों में अधिमान देकर प्राथमिकता दिये जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न चिकित्सालयों सहित अन्य विभागों में कोरोना महामारी जैसे आपातकाल में अल्प समय के लिए अपनी सेवाये दे चुके कर्मचारियों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा है कि वर्ष 2021-22 में कोरोना महामारी के दौरान दैनिक वेतन के आधार पर कार्यरत सैकडों कर्मचारियों की सेवायें आपात स्थिति की बहाली के उपरान्त समाप्त कर दी गई। आपात काल के समय अपनी तथा अपने परिजनों की जान जोखिम में डालकर लगातार सेवाएं देने वाले वे कर्मचारी एकबार पुनः बेरोजगार हो चुके हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) संशोधित नियमावली-2021 में जारी भर्ती की शर्तों के कारण कोरोना महामारी के दौरान नर्सिंग स्टाफ के पद पर अपनी सेवायें दे चुके इन नवयुवक/नवयुवतियों के हित पूरी तरह प्रभावित हुए तथा उन्हें नियमित भर्ती से वंचित होना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की विभीषिका में अपनी व अपने परिवार की जान जोखिम में डालते हुए नियमित रूप से अपने कर्तव्यों का पालन किया ऐसे में राज्य सरकार का दायित्व है कि इन कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाना चाहिए। करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि कोरोना महामारी एवं अन्य आपात काल में विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके अनुभवी बेरोजगार नौजवानों के हितों की रक्षा के लिए विधानसभा के वर्तमान सत्र में संकल्प पारित किया जाय कि भविष्य में किसी भी विभाग में निकलने वाली नियुक्तियों में उन्हें अधिमान देकर प्राथमिकता दी जायेगी।