2015 में पहली बार मोदी सरकार ने मनाया संविधान दिवस : मकवाना

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून 25 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष सफाई कर्मचारी आयोग उत्तराखंड सरकार भगवत प्रसाद मकवाना ने कहा कि  संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 125  वीं जयंती वर्ष में 2015 में पहली बार मोदी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया तथा संसद का 2 दिन का विशेष सत्र आमंत्रित करके भारतीय संविधान एवं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के योगदान पर चर्चा संसद में कराई। मकवाना ने कहा कि स्वतंत्रता के उपरांत संविधान सभा का गठन प्रथम राष्ट्रपति आदरणीय पंडित राजेंद्र प्रसाद जी की अध्यक्षता में किया गया जिसकी ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को नियुक्त किया गया संविधान सभा में 389 सदस्य बनाए गए थे। भारत के संविधान की रचना करने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा । भारत के संविधान में शुरू में 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां तथा 22 भाग थे जो वर्तमान में 470 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां तथा 25 भाग का रूप ले चुके हैं। भारत का संविधान दुनिया के श्रेष्ठतम संविधान में से एक है जो दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान सभा ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी द्वारा लिखित संविधान को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया अर्थात अंगीकार किया। मकवाना ने कहा कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया। भारत का संविधान भारत को गणतंत्र देश बनाता है। भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष होने के साथ-साथ भारत के समस्त नागरिकों को मौलिक अधिकार तथा मौलिक कर्तव्य के साथ-साथ भाईचारा एवं सद्भावना एवं स्वतंत्रता तथा समानता का प्रतीक है। भारतीय संविधान में भारत के राष्ट्रपति को सर्वोच्च पद पर आसीन किया है वही देश की संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया गया, न्यायपालिका कानून के संरक्षण एवं अनुपालन कराने तथा तथा कार्यपालिका को कानून के क्रियान्वयन का अधिकार दिया है। भारतीय संविधान भारत के राजा और रंक को मतदान का समान अधिकार देता है। मकवाना ने कहा कि मोदी सरकार से पूर्व 26 नवंबर को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है किंतु मोदी सरकार 2014 में गठित हुई और 2015 में देश के यशस्वी प्रधान मंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाकर, संविधान के महत्व के प्रचार प्रसार एवं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के योगदान को आम जनता तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया। यह कार्य कांग्रेस ने 60 वर्ष के शासन में नहीं किया। आज राहुल गांधी संविधान के प्रति लेकर घूमते हैं किंतु कांग्रेस के कितने लंबे शासनकाल में उनको संविधान दिवस और बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की याद नहीं आई। मोदी सरकार ने बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने बाबा साहब की जन्मस्थली मऊ मध्य प्रदेश में जाकर उनको नमन किया, डाक टिकट व सिक्के जारी किए, अटल जी के शासनकाल में संसद में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तेल चित्र लगाया गया कांग्रेस ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भारत रत्न भी नहीं दिया संयुक्त मोर्चा की सरकार में श्रद्धेय अटल जी और आडवाणी जी के प्रयास से बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। मकवाना ने कहा कि मोदी सरकार संविधान एवं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध सरकार है कांग्रेस और विपक्ष के मोदी सरकार पर आरक्षण संविधान और अंबेडकर विरोधी होने के आरोप बेबुनियाद है। मकवाना ने कहा कि भारतीय संविधान अतुल्य है उसमें समय और परिस्थितियों के अनुसार देश के विकास के लिए संशोधन करने का भी प्रावधान है भारत का संविधान भारतीय महिलाओं, अनुसूचित जाति जनजाति, अल्पसंख्यकों सहित देश के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता एवं समानता का अधिकार देने का काम करता है। सभी भारतीयों को भारत के संविधान एवं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रति पूर्ण निष्ठाऔर सम्मान है।

 

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