एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून, 25 दिसंबर। जीएमएस मण्डल कैंट विधानसभा द्वारा आज भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री, उत्तराखंड राज्य के निर्माता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 100वी जन्म जयंती (सुशासन दिवस) के उपलक्ष्य पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कैंट विधायक श्रीमती सविता कपूर ने वार्ड 45 गांधी ग्राम के बूथ संख्या 69 पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए, कैंट विधायक श्रीमती सविता कपूर ने कहा की “पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि। अटल जी को हमेशा एक बुद्धिमान राजनीतिज्ञ, डायनामिक कवि, लेखक, मार्गदर्शक और प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाएगा। लोकसभा के लिए 10 बार और उच्च सदन के लिए दो बार निर्वाचित होकर श्रद्धेय अटल जी ने हमारी संसदीय परंपराओं को समृद्ध किया तथा जीवनपर्यन्त राष्ट्र की प्रगति के लिए समर्पित रहे। सत्ता पक्ष हो या प्रतिपक्ष, सभी उनका सम्मान करते थे। संसदीय परंपराओं के प्रति उनका दृष्टिकोण और सदन में उनकी सादगी और गरिमा का व्यवहार सभी जनप्रतिनिधियों के लिए अनुकरणीय है।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष सुमित पांडे ने कहा की स्वर्गीय अटल जी की स्मृति में इस दिन पूरे देश में ‘सुशासन दिवस’ भी मनाया जाता है। सुशासन और जनकल्याण के प्रति अटल जी का समर्पण भावी पीढ़ियों को दिशा दिखाता रहेगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें सादर नमन करते हुए कहा कि अटल जी ने विचारधारा के प्रति समर्पण और मूल्य-आधारित राजनीति से देश में विकास और सुशासन के नए युग की शुरुआत की। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को कार्य संस्कृति बनाने वाले वाजपेयी जी ने देश की सुरक्षा और जनकल्याण को सदैव सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा की स्व. अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल प्रशासक, राजनीतिज्ञ एवं लोकप्रिय जन नेता के साथ महान वक्ता थे। उन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग सम्मान देते थे। स्व. वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वाेपरि था। अटल जी उत्तराखण्ड राज्य के प्रणेता रहे हैं। उन्होंने न केवल उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया, बल्कि राज्य के विकास के लिए आधार भी तैयार किए।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राजकुमार तिवारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा की स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी नयी पहचान बनाई तथा 21 वीं सदी में मजबूती से कदम आगे बढ़ाया। उनमें सभी को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। उनकी दूरगामी सोच, रचनाओं, पोखरण परमाणु परीक्षण, कारगिल युद्ध में भारत को मिली विजय के लिये उन्हें हमेशा याद किया जायेगा।