दो दिवसीय “छात्र संसद 2025” का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून, 26 मार्च। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण, भराड़ीसैंण स्थित अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान में दो दिवसीय “छात्र संसद 2025” का भव्य शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एन के जोशी ने वर्चुअल माध्यम से किया और छात्रों को प्रेरणादायक संबोधन दिया। ऋतु खण्डूडी भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि छात्र संसद जैसे कार्यक्रम भविष्य के नेताओं को तैयार करने का सशक्त माध्यम हैं। उत्तराखंड की समृद्ध लोककला, संस्कृति और पारंपरिक कृषि हमारे अस्तित्व की पहचान हैं, और इनका संरक्षण युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है। मुझे गर्व है कि हमारे छात्र अपनी परंपराओं को समझने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों से दो दिवसीय छात्र संसद में कुछ न कुछ सीखने का आव्हान किया। उन्होंने साथ ही यह भी कहा की हम इस छात्र संसद 2025 में अपने वक्तव्य से इस विषय पर प्रकाश डालेंगे की हमारे पहाड़ी खाद्यान्न, हमारी कला एवं संस्कृति किस प्रकार से वर्ष 2047 के विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड में प्रमुख रूप से प्रभाव डालेंगे। इस छात्र संसद में चमोली ज़िले के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र – छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोपेश्वर के 10, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग के 20, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गैरसैंण के 33,राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पोखरी के 5ओर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नंदासैंण के 02छात्रों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान कुलपति श्रीदेव सुमन ऐन के जोशी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “छात्र संसद 2025” जैसे आयोजन हमारे छात्रों में नेतृत्व कौशल, तर्कशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में सहायक होते हैं। उत्तराखंड की कला, संस्कृति और पारंपरिक कृषि विषयों पर छात्रों की गहरी समझ यह दर्शाती है कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।
छात्र संसद 2025 के अंतर्गत छात्रों ने उत्तराखंड की समृद्ध लोककला, संस्कृति एवं पारंपरिक कृषि से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। छात्र संसद में प्रस्तुत विचारों का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों की जूरी समिति गठित की गई, जिसमें शामिल थे डॉ. डीएस पुंडीर – सोशल साइंटिस्ट, डायरेक्टर, हिमांद संस्था, गिरीश डिमरी – सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, श्री एसबीएमए, गैरसैंण,गिरीश नौटियाल – कृषि एवं उद्यानिकी विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से बतौर मुख्य अतिथि ऋतु खण्डूडी भूषण, माननीय अध्यक्ष विधानसभा उत्तराखंड, विशिष्ट अतिथि डा॰ एन के जोशी, कुलपति श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, टिहरी गढ़वाल , दिनेश चंद्र – कुल सचिव, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ,हेमंत बिष्ट – डिप्टी एग्जामिनेशन कंट्रोलर, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय , प्रधानाचार्य कर्णप्रयाग महाविद्यालय डॉ वी.एन.खाली,अरुण मैठाणी पत्रकार एवं सोशल एक्टिविस्ट ,श्री दुर्गा प्रसाद ,डा॰ कृष्ण मिश्रा,डा॰ विनोद सिंह फ़रसवान, डा॰ मनीष चन्द्र,डा॰ मनीष कुमार मिश्रा ,डा॰ रामानंद , डा॰ जय प्रकाश आर्या सहित विधानभा कर्मचारी ओर छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।