मण्डल स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2025 सम्पन्न

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

सहारनपुर, 07 मई। मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में सहारनपुर एवं मेरठ मण्डल की ‘मण्डल स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2025‘ का आयोजन किया गया। यह आयोजन कृषि उन्नति के 150 वर्ष सस्टेनिंग हेरिटेज, कल्टीवेटिंग फ्यूचर के अवसर पर आयोजित किया गया। सर्वप्रथम कृषि मंत्री एवं अन्य द्वारा जनमंच में लगी विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन किया गया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया गया। मण्डलायुक्त सहारनपुर अटल कुमार राय द्वारा मंत्री को काष्ठ से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा भेंट की गई। मंत्री के द्वारा फार्म मशीनरी बैंक योजना के अन्तर्गत दो लाभार्थियों को श्री धन प्रकाश त्यागी, ग्राम-जडौदा पाण्डा, तथा धनजंय शर्मा, ग्राम-लाड़वा, वि.ख.-पुवांरका को ट्रैक्टर की चाबी भी साैंपी गयी। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि गन्ना, धान और गेहूं की पारंपरिक फसलों के साथ दलहन, तिलहन खेती को बढ़ावा दें जिससे किसानों की आय में वृद्धि व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों के स्थान पर जैविक व प्राकृतिक विधियों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि विज्ञान और अनुसंधान आधारित कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह कृषि उत्पादन को बढ़ाने, संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद करता है। विज्ञान और अनुसंधान आधारित कृषि के जरिए ही हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियल डॉलर तक पहुॅचा पांएंगे। किसानों से आह्वान किया कि कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित नई शोध व प्रजातियों को अपनी खेती में अपनाकर फसल उत्पादकता व आय में वृद्धि करें। कृषि मंत्री के द्वारा अपने सम्बोधन में जानकारी प्रदान की गयी कि कृषि विभाग की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण कर लिये है। श्री सूर्य प्रताप शाही ने फसल चक्र अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि हर फसल के बाद खेती बदलने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ती है और यह लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहती है। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। कृषि मंत्री ने किसानों को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बताते हुए ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ का नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान, तकनीक, कृषि विभाग एवं किसानों के संयुक्त प्रयासों से हम अधिक उत्पादन कर रहे हैं। कृषकों को अपनी कृषि भूमि का आर्गेनिक तत्वों के स्तर को बढ़ाये जब तक कृषि भूमि में आर्गेनिक तत्वों का स्तर नहीं बढ़ेगा तब तक फसल का उत्पादन नहीं बढ़ेगा। आर्गेनिक तत्वों का स्तर बढ़ाने के लिए उर्वरकों का सतुलित प्रयोग एवं प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश हृदय प्रदेश है। यहॉ की जमीन अन्य स्थानों की तुलना में कहीं अधिक उपजाऊ है। उन्होंने कहा कि किसान की खेतों में मेहनत और सम्बन्धित कृषि विभागों के साथ मिलकर कार्य करने से फसलों का उत्पादन बढ रहा है। और उत्पादन बढाने से ही किसान का विकास होगा और देश विकसित बनेगा। इस गोष्ठी के माध्यम से आपके बीच आने का उद्देश्य आपको सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताना और आपकी समस्याएं सुनकर निस्तारण करना है। उन्होंने कहा कि सहारनपुर का किसान मेहनती और परिश्रमी है इसलिए हिम्मत कर नई तकनीकियों को अपनाएं। सरकार किसानों के हितों के लिए संवेदनशील है। समय से गन्ना भुगतना कराया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत अनुदान देकर ट्रक्ट्रर व अन्य यन्त्र दिए जा रहे हैं। पीएम कृषक दुर्घटना बीमा योजना की राशि को 02 लाख से बढाकर 04 लाख कर दिया गया है। कहस कि जनपद- सहारनपुर में 2,80,000 कृषकों को 85 हजार करोड़ रूपये उनके बैंक खाते में भारत सरकार द्वारा अब तक प्रेषित किये जा चुके है। उन्होंने कहा कि बदलते जलवायु की स्थिति में दलहनी व तिलहनी फसलों के माध्यम से किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में सबसे अधिक दूध का उत्पादन बुलन्दशहर में होता है। सहारनपुर और शामली में सबसे अधिक दूध उत्पादन हो सकता है, इसलिए खेती करने के साथ पशुपालन भी करें। मण्डलायुक्त सहारनपुर श्री अटल कुमार राय ने पीपीटी के माध्यम से मण्डल का कृषि परिदृश्य बताते हुए खरीफ फसलों की प्रगति और आगामी तैयारियों के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मण्डल में खरीफ फसलों का आच्छादन के साथ उत्पादन और उत्पादकता को बढाया गया है। उन्होंने मा0 मंत्री जी को आश्वस्त किया कि मण्डल में जो लक्ष्य हैं उनको शत-प्रतिशत पूण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीज, उर्वरक और कृषि रक्षा रसायान की पर्याप्त उपलब्धता हैं। फसली ऋण, किसान क्रेडिट काड, पीएम कुसुम योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, फार्मर रजिस्ट्री, वृक्षारोपण कार्यक्रम सहित अन्य योजनाओं की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ उन्होंने गन्ना विकास विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग, मत्सय विभाग, विद्युत विभाग, ंिसंचाई विभाग, नलकूप विभाग की योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति की भी विस्तार से जानकारी दी। मण्डलायुक्त ने मण्डल की प्रमुख उपलब्धियों के साथ उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने तथा कृषकों की आयु दुगुनी आय करने के लिए बनाई गई आवश्यक रणनीतियों से अवगत कराया। उन्होंने मण्डल में कृषि से सम्बन्धित प्रमुख समस्याएं और सुझाव भी बताएं। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद-सहारनपुर में पापुलर की खेती होती है परन्तु प्लाईवुड़ की इण्डस्ट्री न होने के कारण कृषकों को हरियाणा राज्य के यमुनानगर जिले में जाना पड़ता है। इस हेतु प्लाईवुड़ इण्डस्ट्री की मण्डल के जनपद में स्थापना का अनुरोध किया गया। मण्डलायुक्त मेरठ डा0 हृषिकेश भास्कर यशोद ने भी मण्डल मेरठ की खरीफ फसलों के आच्छान के साथ उनकी प्रगति एवं रणनीति की जानकारी देते हुए कहा कि मण्डल के सभी जिलों में बीज, उर्वरक और कृषि रक्षा रसायन की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों को बीज या अन्य किसी आवश्यकता के सम्बन्ध में कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने मण्डल के एफपीओ कि क्रियाशीलता की जानकारी देते हुए बताया कि 104 एफपीओ क्रियाशील हैं जिसके अन्तर्गत 35 हजार किसान जुडे हुए हैं। एफपीओ की उल्लेखनीय उपलब्धता के साथ बताया कि कुछ विदेश में निर्यात कर अच्छी आय भी कमा रहे हैं। फसली ऋण, किसान क्रेडिट काड, पीएम कुसुम योजना, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, फार्मर रजिस्ट्री, गन्ना मूल्य भुगतान, कृषि यंत्र सहित अन्य योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि निदेशक डा0 जितेन्द्र  तोमर द्वारा कृषकों द्वारा उठाई गयी सोलर पम्प की सर्विस एवं सोलर पम्प की स्थापना में तेजी लाने का का आश्वासन दिया गया। उनके द्वारा कृषकों को यह भी बताया गया कि सभी सोलर कम्पनियों के वेंडर प्रत्येक जनपद में है। अतः कृषक भाई अपने जनपद के उप कृषि निदेशक या सोलर कंपनी के टोलफ्री नम्बर पर कॉल कर उनके विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते है। कृषकों द्वारा छोटो कृषि यंत्रों के लक्ष्य बढ़ाये जाने की मांग पर उनके द्वारा कृषकों की जानकारी दी गयी कि आने वाली योजनाओं में लक्ष्य बढ़ाये जायेगें। बागपत रैंक प्वाईट की मांग पर उनके द्वारा बताया कि प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित कर दिया गया जिसकी कल भारत सरकार में होने वाली बैठक मेु पुनः उठाया जायेगा। बासमती धान की मण्डी की मांग पर उनके द्वारा कृषकों को बताया गया कि उनकी बासमती धान एसोसिएशन से वार्ता चल रही है। प्रगतिशील कृषक पदमश्री सेठपाल ने कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाओं के साथ जैविक खेती के बारे में बताया। गोष्ठी में वैज्ञानिक मनोज सिंह द्वारा कृषकों को पशुपालन, प्रधान वैज्ञानिक, एपिडा,मोदीपुरम, मेरठ डा. रितेश द्वारा बासमती धान की उन्नत प्रजातियों, बासमती धान निर्यात हेतु मानकों के अनुसार उत्पादन पेस्टीसाइड्स रेजीडीय् के तकनीकी बिन्दुओं कृषि विज्ञान केन्द्र, शामली के वैज्ञानिक डा. संदीप चौधरी द्वारा गन्ने की फसल में मुख्य रोग तनाबेधक आदि की पहचान एवं नियत्रंण गन्ने का अधिकतम उत्पादन लिये जाने की तकनीकी, गन्ने बीज के उपचार के उपरान्त बुवाई की विधि के विषय में कृषकों को जानकारी प्रदान की गयी।  डा0 काम्या सिंह, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र सहारनपुर के द्वारा मिलेट्स की खेती की तकनीकी जानकारी के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर इस पड़ने वाले लाभों के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी। दोनों मण्डलों के 09 जिलों से आए किसानों की समस्याएं सुनकर सम्बन्धित अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए। अंत में उप कृषि निदेशक डॉ. राकेश कुमार के द्वारा गोष्ठी में उपस्थित जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं मण्डल स्तरीय, लखनऊ से पधारे वरिष्ठ अधिकारियों कृषकों को गोष्ठी में प्रतिभाग करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अध्यक्ष की अनुमति से गोष्ठी का समापन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी मनीष बंसल, प्रबन्ध निदेशक बीज विकास निगम पंकज त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी सहारनपुर सुमित रोजश महाजन, मुख्य विकास अधिकारी मुजफफरनगर कंडारकर कमल किशोर देशभूषण, जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह सैनी, संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. वीरेन्द्र कुमार, मेरठ एवं सहारनपुर मण्डल के मुख्य विकास अधिकारी, चेयरमेन कॉपरेटिव बैंक सहारनपुर राजपाल, जिलाअध्यक्ष भारतीय किसान मोर्चा वीरेन्द्र सिंह पुण्डीर, मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मंच का संचालन राजीव कुमार, जिला कृषि अधिकारी, मेरठ द्वारा किया गया।

 

 

 

 

 

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