उत्तराखंड इंसानियत मंच के बैनर तले निकाला मार्च

संदीप गोयल/ एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून 17 मई। “बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड को ” , के आव्हान के साथ जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आज से अपने जन सम्पर्क का कार्यक्रम अजबपुर-सरस्वती चौक से शुरू किया l नुक्कड सभा करके वक्ताओं ने आम नागरिकों को नफरत के खिलाफ एकजुट होने को कहा l उत्तराखंड इंसानियत मंच के बैनर तले जन संगठनों ने ‘बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड ‘ के व नफरत विरोधी एवं शांति – सदभाव के नारों के साथ आसपास के क्षेत्र मे मार्च भी निकाला गया। मार्च में शामिल लोगों ने नफरत नहीं रोजगार दो, जीने का अधिकार दो, जन एकता जिन्दाबाद और नफरत नहीं सद्भाव चाहिए जैसे नारे लगाये। नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए स्त्री मुक्ति लीग की कविता कृष्णपल्लवी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे शांत राज्य में नफरत बोई जा रही है। जिस राज्य में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित थी। कहीं भी आ-जा सकती थी, वहां अब महिलाएं और बच्चियां असुरक्षित हैं। उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कहा कि राज्य में बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन सरकार की शह पर हिन्दू-मुस्लिम और देशी-पहाड़ी का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने आम नागरिकों से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की और कहा कि यदि हम नफरत के खिलाफ एकजुट नहीं हुए तो नफरत आने वाली कई पीढ़ियों को अपनी चपेट में ले लेगी। उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में पिछले तीन सालों में 2,583 बलात्कार की घटनाएं हुई हैं। इन दरिंदों में बहुसंख्य हिन्दू शामिल थे, तो कई मुसलमान भी परंतु तब नफरत फैलाने वालों ने इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिशें की। नफरत की राजनीति करने वालों ने हाल हुई नैनीताल की घटना को लेकर समुदाय विशेष के लोगों की पिटाई की, उनकी दुकानें तोड़ी। इसी दौरान नैनीताल जिले के ही हल्द्वानी में गणेश नामक व्यक्ति ने भी 7 साल की बच्ची से बलात्कार किया, लेकिन कोई विरोध नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बलात्कार के मामले में भी दरिंदे का धर्म देखा जा रहा है, यह बेहद घिनौना है। उस्मान हो या गणेश दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। इप्टा के हरिओम पाली ने कहा कि उत्तराखंड में जो कुछ हो रहा है, वह सरकार की शह पर हो रहा है। नफरत फैलाने वाले एक-एक व्यक्ति को पुलिस जानती है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। जन नाट्यकर्मी सतीश धौलाखंडी ने ‘एकता, समानता शांति के लिए, विश्व शांति के लिए, साथ जुड़ो, मिलके चलो, मिलके चलो रे‘ जनगीत गाया। नुक्कड़ सभा के दौरान बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। इसके बाद सरस्वती विहार सब्जी मंडी में एक मार्च भी निकाला गया। साथ ही एक पर्चा भी बांटा गया, जिसमें नफरत के बजाय पर्यावरण के अनुकूल विकास, रोजगार, नशा और भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड राज्य की जरूरत पर जोर दिया गया। नुक्कड़ सभा में जाने-माने पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा, सुविख्यात गणितज्ञ प्रो. राघवेन्द्र, नन्द नन्दन पांडेय, स्त्री मुक्ति लीग की गीतिका व शिवा, उत्तराखंड महिला मंच की हेमलता नेगी, विजय नैथानी, भगवानी रावत, बिला कलूड़ा, सीमा नेगी, कांति रावत, राजेश्वरी नेगी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और सब्जी मंडी के व्यापारी मौजूद थे। सभी ने इस अभियान में साथ देने का आश्वासन दिया।