मलिन बस्तियों की विरोधी भाजपा सरकार : कांग्रेस

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून,19 जून। राष्ट्रीय संचार सचिव कांग्रेस वैभव वालिया द्वारा गोविंदगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा मलिन बस्तियों में लगाए जा रहे लाल निशान के विरोध स्वरूप जनसभा का आयोजन किया। जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार ने भी हिस्सा लिया।
हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी ने सदैव राज्य की मलिन बस्तियों में रहने वाले लाखों परिवारों को सम्मान, अधिकार और सुविधा दिलाने के लिए सकारात्मक और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया है। जब-जब कांग्रेस को शासन की जिम्मेदारी मिली, मलिन बस्तियों को केवल “अतिक्रमण” नहीं बल्कि “अधिकार से वंचित नागरिकों” की तरह देखा गया।
प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में मलिन बस्तियों का चिन्हांकन और नियमितीकरण की शुरुआत की गई। 2012–2017 के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुड़की, नैनीताल, काशीपुर समेत प्रमुख नगरों की 500 से अधिक मलिन बस्तियों का सर्वेक्षण कराया। इन बस्तियों को वैध दर्जा देने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे यहां के निवासियों को बिजली, पानी, सड़क, राशन कार्ड, आधार, स्कूल आदि की सुविधाएं मिलने लगीं। राजीव आवास योजना के तहत हजारों शहरी गरीबों को पक्के आवास प्रदान करने की दिशा में काम शुरू हुआ। कुछ नगरों में पुनर्वास कॉलोनियों का प्रस्ताव तैयार किया गया ताकि झुग्गीवासियों को बिना बेदखली के स्थायी समाधान मिल सके।
वैभव वालिया ने कहा कि शहरी मलिन क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों और अस्थाई स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना की गई। पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मलिन बस्तियों के लोगों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कांग्रेस की सरकार में मलिन बस्ती सुधार कार्यक्रम का अध्यक्ष बनाया गया और बतौर अध्यक्ष उन्होंने 500 से अधिक बस्तियों का चिन्हीकरण करके नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मंत्रिमंडल में इसको पारित करवा कर इस पर कानून भी बनाया गया है, इसलिए मलिन बस्तियों को तोड़ना भाजपा सरकार के लिए आसान नहीं होगा उसे मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित करना होगा।
वालिया ने कहा कि कांग्रेस ने मलिन बस्ती की महिलाओं और बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्र, टीकाकरण और पोषण योजनाएं चलाई गईं। सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई, नालियों की मरम्मत और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया. मलिन बस्तियों के युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास शिविर, सिलाई-कढ़ाई केंद्र और स्वरोजगार योजनाएं चलाई गईं। स्टार्टअप लोन और छोटे व्यवसाय के लिए लघु ऋण योजना शुरू की गई। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मलिन बस्ती सुधार समिति के अध्यक्ष पूर्व ने कहा कि भाजपा शासन ने मलिन बस्तियों को “अवैध कब्जाधारी” कहकर उजाड़ा गया, वहीं कांग्रेस ने इनके अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक आवाज़ उठाई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन, और जनसुनवाइयों के माध्यम से हजारों गरीब परिवारों के पुनर्वास की मांग की।
मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि भाजपा के डबल इंजन राज में मलिन बस्तियों पर बुलडोजर चले, लेकिन पुनर्वास नहीं हुआ। राजीव आवास योजना और जवाहरलाल नेहरू शहरी विकास निगम जैसी योजनाएं बंद कर दी गईं या ठप हो गईं। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बेदखली, और मूलभूत सुविधाओं का अभाव भाजपा की नीति का चेहरा रहा। वक्ताओं ने कहा कि ये कांग्रेस का संकल्प है कि जनता का समर्थन मिलने पर मलिन बस्तियों के हर नागरिक को कानूनी आवास, बुनियादी सुविधाएं और गरिमा का जीवन सुनिश्चित किया जाएगा। आयोजनकर्ताओं में चरण जीत कौशल अमृता कौशल, संग्राम सिंह पुंडीर, पार्षद अर्जुन सोनकर, निखिल कुमार, संगीता गुप्ता, अरुण शर्मा, गौतम नौटियाल, सूरज पवार, अल्ताफ अहमद, अनिल नेगी, सुलेमान अली, संजय भारती, अमन सिंह, मोहित मेहता, एनएसयूआई के अध्यक्ष विकास नेगी, सतीश कुमार, सोशल मीडिया के अध्यक्ष विकास नेगी, शामिल थे।