शायरों कवियों ने श्रोताओं का जीता मन

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून। टाउन हॉल नगर निगम में साहित्यिक संस्था हिंदी उर्दू शायरी मंच व परवाज़ ए अमन के तत्वावधान में ऑल इंडिया मुशायरा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना, मेयर सौरभ थपलियाल, दून इंटरनेशनल के चेयरमैन सरदार डीएस मान, तुलाज इंस्टीट्यूट के चेयरमैन सुनील जैन ने संयुक्त रूप से रिबन काट कर व शमा रौशन कर किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने आए हुए मेहमान शायर, कवियों व श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्य कला व संगीत का बहुत बड़ा योगदान समाज को जोड़ने में है। उन्होंने कहा कि जैसे फूल की खुशबू महज खुशबू होती है उसका कोई रंग नहीं होता , जैसे बहते हुए पानी का का कोई वतन नहीं होता वो हर प्यासे की प्यास बुझाती है, जैसे बहती हवा का कोई मजहब नहीं होता वो सबको सांस देती है वैसे ही साहित्य कला संगीत और इनके साधकों का भी रंग धर्म वतन उनकी कला उनका संगीत व उनका साहित्य होता है और इसलिए साहित्यकार कलाकार व संगीतकार समाज को जोड़ने का काम करते हैं और राजनीति के क्षेत्र में काम करने वालों को इनसे जोड़ने की कला सिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परवाजे अमन का यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है कि उन्होंने राजधानी देहरादून में उर्दू एवं हिंदी का मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजित कर देश के नामचीन शायरों व कवियों को आमंत्रित कर यह शानदार महफिल सजाई। श्री धस्माना ने कहा कि भविष्य में देहरादून में और वृहद स्तर पर इस प्रकार के कार्यक्रम परवाज़े अमन आयोजित करे उसके लिए उनको पूरा सहयोग वे प्रदान करेंगे। श्री धस्माना ने कहा कि देश की एकता अखंडता व आपसी भाई चारे को मजबूत करने के लिए इस तरह के आयोजन आवश्यक हैं। कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध शायर  शम्स देवबंदी को शायरी आज़म अवार्ड दिया गया। कार्यक्रम संयोजक मंडल ने इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना, तुलाज़ ग्रुप के चेयरमैन सुनील कुमार जैन, दून इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन देवेंद्र सिंह मान, मेयर सुनील सौरभ थपलियाल, प्रभात जी अमन के अध्यक्ष अंबिका सिंह रूही, शायरा मोनिका मंतशा, आकाशवाणी से सनोबर अली खां, एक्ट्रेस इंद्राणी बांधी को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर शायरों ने रात्रि 4:00 तक अपनी रचनाएं सुनाकर खूब वाह वाह और तालियां बटोरी। देश के मशहूर शायर शमश देवबंदी की गजल “गया फलक पर तो अपनी जमीन को भूल गया। हमीं ने उड़ना सिखाया हम ही को भूल गया।” लोगों ने बहुत पसंद की। प्रसिद्द शायर मोहन मुंतजिर की “एक लमहे मैं हूं जैसे एक सदी उलझी हुई। पूछिए मत शायरों की जिंदगी उलझी हुई। ने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। परवाजे अमन की अध्यक्ष प्रसिद्द शौरा अंबिका सिंह रुही की नज़्म “इस दिल से एक हूक सी उठती है।” ने श्रोताओं को भावुक कर दिया। युवा शायर कमलकांत ने अपनी शायरी के लिए खूब दाद बटोरी यूं मेरे शायद कहीं वो रोया है मुझको पुकार के। आशिकी का है आलम मोहल्ले में अब उनके दीदार को लोग आने लगे रौनके के बढ़ गई हैं गली कि मेरी जिसको आने में 16 जमाने लगे।” पड़ी तो हाल तालियों से गूंज उठा। शायर शाश्वत सिंह दर्पण की नज़्म “यह दुनिया एक दौज़ख़ है जहां पर, कहीं से लोग मर कर आ रहे हैं।” ने भी भरपूर तालियां बटोरी। शायर शाश्वत सिंह दर्पण की रचना असीम काकोरवी ने जब अपनी रचना “बड़ी सहारा न वर्दी की जरूरत होती है साहब,तो फिर जाकर कहीं एक शेर की तकमील होती है।” लोगों ने काफी पसंद की। युवा शायर अमजद खान अमजद की रचना “मेरी निगाह में “अमजद” बहुत अज़ीम हैं वो, जो आस्तीन से मेरी निकल के बैठ गए।” लोगों को तालियां बजवाने में सफल रही। युवा शौरा मोनिका मंतशा ने जब अपनी नजम ” इसी तरह से फ़क़त मुझमें जान बाक़ी है किसी फ़क़ीर में जैसे जहान बाक़ी है”  तिरे बग़ैर यूँ वीरान हो गई हूँ मैं  चला गया है मक़ीं बस मकान बाक़ी है पड़ी तो पूरा हाल श्रोताओं की वाह वाह व तालियों से गूंज उठा। गजलों शेरो शायरी और कविताओं का यह सिलसिला रात साढ़े दस बजे  से प्रातः चार बजे तक चलता रहा और श्री धस्माना,सरदार डी एस मान व श्री सुनील जैन भी लगभग कार्यक्रम समाप्त होने तक उपस्थित रहे।

 

 

 

 

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