डीआरडीओ ने एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून, 24 अगस्त। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लगभग 12:30 बजे ओडिशा के तट पर एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (आईएडीडब्ल्यूएस) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। आईएडीडब्ल्यूएस एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें सभी स्वदेशी त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (क्यूआरएसएएम), उन्नत अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) मिसाइलें और एक उच्च शक्ति वाली लेज़र-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (डीईडब्ल्यू) शामिल हैं। सभी हथियार प्रणाली घटकों का एकीकृत संचालन एक केंद्रीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है, जो इस कार्यक्रम की नोडल प्रयोगशाला है। वीएसएचओआरएडीएस और डीईडब्ल्यू क्रमशः अनुसंधान केंद्र इमारत और उच्च ऊर्जा प्रणाली एवं विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित किए गए हैं। उड़ान परीक्षणों के दौरान, दो उच्च गति वाले स्थिर पंख वाले मानवरहित हवाई वाहन (FWV) और एक बहु-हेलीकॉप्टर ड्रोन सहित तीन अलग-अलग लक्ष्यों को QRSAM, VSHORADS और उच्च ऊर्जा लेज़र हथियार प्रणाली द्वारा अलग-अलग दूरी और ऊँचाई पर एक साथ निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। मिसाइल प्रणाली और ड्रोन पहचान एवं विनाश प्रणाली, हथियार प्रणाली कमान एवं नियंत्रण, संचार और रडार सहित सभी हथियार प्रणाली घटकों ने त्रुटिरहित प्रदर्शन किया, जिसकी पुष्टि एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर द्वारा उड़ान डेटा प्राप्त करने के लिए तैनात रेंज उपकरणों द्वारा की गई। इस परीक्षण को DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों ने देखा। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने IADWS के सफल विकास के लिए DRDO, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस अनूठे उड़ान परीक्षणों ने देश की बहुस्तरीय वायु रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के विरुद्ध महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय रक्षा को मज़बूत करेगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सफल उड़ान परीक्षणों में शामिल सभी टीमों को बधाई दी है।