प्रतिमा की दुर्दशा देख सूर्यकांत धस्माना का मन हो गया विचलित

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज सर्विस

देहरादून। जीवन पर्यंत अकबर की अधीनता जिन महाप्रतापी महाराणा प्रताप ने स्वीकार नहीं की उनकी प्रतिमा की दुर्दशा देख कर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का मन विचलित हो गया। देहरादून की कैंट व मसूरी विधानसभाओं की सीमा पर चकराता रोड में बिंदाल नदी के पास वीर प्रतापी मेवाड़ नरेश रहे महाराणा प्रताप जी की मूर्ति की चौकी जिस पर वह स्थापित है कई जगह से खंडित हो गई है। मूर्ति के चारों ओर जंगली घास उगी है व कीचड़ फैला हुआ है। मूर्ति तो शायद साल में एक बार महाराणा प्रताप जी की जयंती पर ही साफ होती होगी। जब यहां पौधा रोपण करने श्रम प्रकोष्ठ कांग्रेस के निमंत्रण पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पहुंचे तो मूर्ति की दुर्दशा व उसके इर्द गिर्द फैली गंदगी को देख कर वह हतप्रभ रह गया। उन्होंने व उनके साथियों ने काफी देर तक वहां सफाई की। घास काटा गया और फिर पौधा रोपण किया गया, किन्तु इस बात ने सूर्यकांत धस्माना को बहुत विचलित किया कि क्या हम अपने राष्ट्रीय नायकों का ऐसे ही सम्मान करते हैं ? मूर्ति के साथ ही देहरादून के आठ बार विधायक रहे दिवंगत हरबंस कपूर का स्मृति द्वार है और बीस तीस मीटर पर एक शहीद द्वार है और इस मार्ग से ही हम विश्व प्रसिद्द दून स्कूल, राज भवन, मुख्यमंत्री आवास को जाते हैं, क्या किसी महानुभाव की इस मूर्ति पर नजर नहीं पड़ती होगी?

 

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