३ अक्टूबर को सीएम आवास कूच यथावत : सूर्यकांत धस्माना

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ट्रिपल एससी परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच की सीबीआई जांच की मुख्यमंत्री की घोषणा से संतुष्ट नहीं है और पार्टी अपना पूर्व घोषित सीएम आवास कूच का कार्यक्रम तीन अक्टूबर को जोर शोर से करेगी यह घोषणा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने की।

मुख्यमंत्री द्वारा आंदोलनरत युवाओं के धरने में पहुंच कर सीबीआई जांच की संस्तुति की घोषणा के तत्काल बाद बुलाई गई पत्रकार वार्ता में श्री धस्माना ने कहा कि पार्टी का यह मानना है कि सीबीआई जांच की संस्तुति उत्तराखंड के भाजपा के ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एनएच ७४ मामले में २०१७ में की थी और बाकायदा प्रदेश की विधानसभा में खड़े हो कर ऐलान किया था कि एन एच ७४ की जांच पंद्रह दिन में सीबीआई अपने हाथों में ले लेगी किन्तु फिर पूरे प्रदेश ने देखा कि कैसे आज तक वो जांच सीबीआई अपने हाथों में लेने के लिए आज आठ सालों बाद भी नहीं आई। श्री धस्माना ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और मुख्यमंत्री चाहें तो २४ घंटों के अंदर केंद्र सरकार के आदेश पर यह जांच सीबीआई टेकओवर कर सकती है किन्तु इस संबंध में सीएम ने कहा कि एसआईटी अपनी जांच जारी रखेगी जो फिर वही एन एच ७४ वाली आशंका को जन्म दे रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि अगर सरकार की नियत साफ है तो सबसे पहले लीक पेपर परीक्षा को कैंसिल कर नई परीक्षा के लिए नई तिथि घोषित की जानी चाहिए थी, यूके ट्रिपल एससी अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया को उनके पद से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए था किंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ इसलिए मुख्यमंत्री की घोषणा से कांग्रेस संतुष्ट नहीं है और इसलिए पार्टी अपना।तीन अक्टूबर को सीएम आवास कूच का कार्यक्रम यथावत रखे है और जोर शोर से पार्टी कार्यकर्ता इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री का घेराव करने आगामी तीन अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से कूच करेंगे। श्री धस्माना ने कहा कि पहले दिन से ही सारी भाजपा व उनकी सरकार ने युवाओं के आंदोलन को राजनीति से प्रेरित कांग्रेस समर्थित व देश द्रोही व अराजक करार दिया और आज जब स्वयं मुख्यमंत्री उसी आंदोलन में सीबीआई जांच की घोषणा करने गए तो उनकी सरकार व उनकी पार्टी के नेताओं को प्रदेश के युवा विद्यार्थियों व आंदोलन में शामिल सभी लोगों से अपने लगाए आरोपों के लिए माफी मांगनी चाहिए।

 

 

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