श्री 1008 रिद्धि सिद्धि महामंडल विधान का भव्यतिभव्य आयोजन

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। परम पूज्य संस्कार प्रणेता ज्ञानयोगी जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्तोत्र उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के मंगल सानिध्य में श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर एवं जैन भवन गांधी रोड में श्री 1008 रिद्धि सिद्धि महामंडल विधान का भव्यतिभव्य आयोजन किया गया। जिसमे आज जिनेन्द्र भगवान की शांतिधारा करने का सौभाग्य मुकेश जैन महावीर एनक्लेव को प्राप्त हुआ। मंडल पर कलश विराजमान श्री धन कुमार जैन (खतौली), श्री आशीष जैन, श्री उदित जैन, श्री मुकेश जैन, श्री शुभम जैन द्वारा की गई। विधान में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य श्री राहुल जैन कविता जैन को प्राप्त हुआ। कुबेर इंद्र श्री राकेश जैन, महेंद्र इंद्र श्री अनिल जैन द्रोण पूरी, सामंत इंद्र श्री सुखमल जैन रीता जैन, ईशान इंद्र श्री नितिन जैन (दत्ता एनक्लेव), इंद्र श्री उदित जैन बने। पूज्य आचार्य श्री ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि मन की चंचलता का अर्थ है मन का क्षण-क्षण में बदलना, जो उसके जीवित होने का संकेत है। इसे वायु के समान वश में करना मुश्किल है, लेकिन अभ्यास और वैराग्य से काबू पाया जा सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए विचारों से दूरी बनाना, प्राणायाम करना, सत्संग करना और इंद्रियों के विषयों से मन को शांत रखना जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं।

 

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