धार्मिक ग्रंथों का अपमान बर्दाश्त नहीं : मकवाना

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून 14 अक्टूबर। देहरादून के लैंसडाउन चौक पर आज राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रन्तिकारी मोर्चा द्वारा समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री राम अचल राजभर द्वारा रामायण और रामचरितमानस को जलाने की बात करने के विरोध में पुतला दहन किया गया। इस दौरान मांग की गई कि महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण का अपमान बंद हो, एव आस्था पर चोट करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाये।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा एव दर्जा राज्यमंत्री उत्तराखंड सरकार भगवत प्रसाद मकवाना ने कहा की ​वाल्मीकि समाज के लिए रामायण सिर्फ एक ग्रंथ नहीं, बल्कि हमारे पूज्य महर्षि वाल्मीकि जी की देन और हमारी आस्था का मूल है। धार्मिक ग्रंथों का अपमान देश की सामाजिक समरसता को तोड़ने का प्रयास है, जिसे वाल्मीकि समाज और पूरा हिंदू समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। ​इस अवसर परराष्ट्रीय वाल्मीकि क्रन्तिकारी मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सनातन धर्म की रक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति उनके समर्पण के लिए धन्यवाद देता हैं। पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
​विरोध प्रदर्शन में ​अरुण चौहान राष्ट्रीय महामंत्री,​ राजीव राजोरी प्रदेश अध्यक्ष, युवा मोर्चा, ​विशाल कुमार महानगर अध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा एवं पार्षद,​ दौलत मकवाना, अनिल खजवाल, विनोद घाघट, मनोज खेरवाल, कुलवंत सूद, बॉबी, विशाल अनंत, श्रीमती अनीता वाल्मीकि, कुमारी काजल सूद, विक्रम, निखिल पार्चा अन्य प्रमुख व्यक्ति और सैकड़ों युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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