लम्बी पूछताछ के बाद आईएएस अधिकारी रामविलास यादव गिरफ्तार

फोटोः डीडी 1
कैप्शन : पत्रकारों से वार्ता करते हुए आईजी विजिलेंस अमित सिन्हा।
लम्बी पूछताछ के बाद आईएएस अधिकारी रामविलास यादव गिरफ्तार
सतर्कता अधिष्ठान ने किया आरोपी आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को गिरफ्तार
संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। आईजी विजिलेंस अमित सिन्हा ने आज सुभाष रोड़ स्थित उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए आईएएस अफसर रामबिलास यादव के मामले में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विजिलेंस जांच में आईएएस रामबिलास की आय से 550 फीसदी अधिक संपत्ति मिलने के बाद शासन को अवगत कराया गया था, जिसपर मुकदमा दर्ज किया गया। कई बार दबिश देकर इनकी और संपत्तियों के बारे में जानने के प्रयास किए गए। इनसे पूछताछ का प्रयास किया गया, लेकिन इन्होंने सहयोग नहीं किया। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बुधवार को वह विजिलेंस दफ्तर आए तो जरूर, लेकिन इन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। हाईकोर्ट ने सभी दस्तावेजों के साथ जाने को कहा था, लेकिन यह दस्तावेज साथ लेकर नहीं आए थे। सवालों का जवाब यह टालते रहे, बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया। ऐसे में देर रात गिरफ्तार करना पड़ा। चार स्थानों पर छापेमारी में क्या-क्या मिला है यह जांच का हिस्सा है। उनके बैंक एकाउंट फ्रीज किए गए हैं, ताकि कोई लेनदेन न कर सकें।
आईजी विजिलेंस अमित सिन्हा ने जानकारी देते हुये बताया की थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर 19अप्रैल 2022 को पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या -5/22 धारा-13(1)ख सपठित धारा-13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) बनाम रामविलास यादव, आईएएस अपर सचिव उत्तराखण्ड शासन के विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने विषयक विवेचना में आरोपी अधिकारी रामविलास यादव 22 जून 2022 को सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर कार्यालय देहरादून में अपने बयान अंकित कराने के लिये पुलिस अधीक्षक सैक्टर देहरादून श्रीमती रेनू लोहानी एवं विवेचक पुलिस उपाधीक्षक अनुषा बडोला के समक्ष उपस्थित हुये थे । टीम द्वारा उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित सम्पत्तियों के बारे में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर आरोपी अधिकारी द्वारा संतोषजनक नहीं दिये गये। आरोपी अधिकारी अपने दिलकश विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित आवास, गुडम्बा में स्थित संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में क्रय किये गये भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, एफडी/खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चो के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर पाये। अब तक की विवेचना में उपलब्ध अभिलेखों व आरोपी से पूछताछ पर चैक पीरियड में कुल आय 50,48,204/- रूपये तथा व्यय 3,12,37,756/- रू0 होना पाया गया, जो अनानुपातिक सम्पत्ति अर्जित की गयी है आरोपी अधिकारी को आय-व्यय की उपरोक्त रकम बतायी गयी तो कुछ भी स्पष्ट नही बता पाये। तमाम अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर उनके द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना स्पष्ट होता है कि आरोपी अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) की धारा 13(1)ख सपठित धारा 13(2) का जुर्म किया गया है। जुर्म के समबन्ध में आरोपी अधिकारी को अवगत कराते हुये आज लम्बी पूछताछ के बाद सतर्कता अधिष्ठान द्वारा गिरफ्तार किया गया। सतर्कता टीम को सर्च के पश्चात ज्ञात सम्पत्तियों एवं अभिलेखों (रजिस्ट्रीयों) के बारे में गहना से विवेचना में साक्ष्य प्राप्त किये जा रहे है।