सैन्य इंजीनियर सेवा ने देहरादून छावनी में मनाया 102वां स्थापना दिवस

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून 27 सितंबर। सैन्य इंजीनियर सेवा (एमईएस) की स्थापना 1854 में बैरकों के निर्माण और रखरखाव के लिए की गई थी, जिसे 1923 में सैन्य इंजीनियर सेवा के रूप में पुनर्गठित किया गया और स्वतंत्रता के बाद संसद के एक अधिनियम के माध्यम से इसे रक्षा मंत्रालय के तहत भारत सरकार का एक विभाग बना दिया गया। एमईएस सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निर्माण और रखरखाव एजेंसी है जो देश भर में सभी रक्षा प्रतिष्ठानों यानी सेना, वायु सेना, नौसेना, डीआरडीओ, तटरक्षक बल को इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करती है। उत्सव की श्रृंखला में एमईएस के उपयोगकर्ताओं के साथ ‘अपने एमईएस को जानें’ विषय पर एक तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और सभी ने इसकी सराहना की।

आज एमईएस ने देहरादून छावनी में अपना 102वां स्थापना दिवस मनाया। एमईएस द्वारा सभी श्रेणियों के भवनों के निर्माण और बुनियादी ढांचे के रखरखाव पर ध्यान केंद्रित किया गया है और चाहे वह रनवे, हैंगर, जेटी, डॉकयार्ड, बहुमंजिला इमारतें, सौर योजनाएं आदि हों, उन्हें पूरा करने से रक्षा प्रतिष्ठानों की परिचालन तत्परता किसी भी समय सुनिश्चित हो गई है। एमईएस रक्षा प्रतिष्ठानों के बुनियादी ढांचे के सतत विकास को ध्यान में रखते हुए काम की गति और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नई निर्माण तकनीकों, उन्नत कार्यप्रणाली और अभिनव निर्माण प्रथाओं को अपना रहा है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *