शांतिकुंज में बच्चों ने किया कला, संगीत और योग का अद्भुत प्रदर्शन

भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

हरिद्वार 28 जून। शांतिकुंज में ग्रीष्मकालीन अवकाश को रचनात्मकता में बदलने के उद्देश्य से आयोजित एक माह के समर कैंप का समापन सांस्कृतिक रंग में डूबा नजर आया। इस समर कैंप में बच्चों को पेंटिंग, ड्राइंग, क्ले आर्ट, भाषण, संगीत, योग  सहित बाल संस्कारशालाओं में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस के माध्यम से भारतीय संस्कृति के विविध पहलुओं की जानकारी दी गई। समापन समारोह में बच्चों ने जोश और उत्साह के साथ अपनी प्रतिभाओं का अद्वितीय प्रदर्शन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत संगीतमय योग और राष्ट्रीय भक्ति गीतों की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर बच्चों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका उद्घाटन गायत्री विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या एवं व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने किया। उन्होंने बच्चों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस दौरान श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि बच्चों का मन गीली मिट्टी की भांति होता है, जिसे जैसे ढालें, वैसा रूप ले लेता है। इसी सोच के साथ समर कैंप का आयोजन किया गया, ताकि ग्रीष्मकालीन अवकाश को एक उपयोगी अवसर में बदला जा सके। हमारा उद्देश्य था कि बच्चों में रचनात्मकता के साथ बौद्धिकता का भी विकास हो। व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने कहा कि जीवन में जो व्यक्ति अवसर को पहचान लेता है, वही आगे बढ़ता है। यह समर कैंप बच्चों के लिए न केवल सीखने का माध्यम बना, बल्कि उन्होंने आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ स्वयं को निखारने का अवसर भी प्राप्त किया। इस अवसर पर शांतिकुंज में चल रहे विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों आये प्रशिक्षिणार्थियों सहित शांतिकुंज अंतेवासी कार्यकर्तागण, गायत्री विद्यापीठ सहित विभिन्न राज्यों से आये साधकों के बच्चे भी उपस्थित रहे।

 

 

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