29 जुलाई को मनाया जाएगा नाग पंचमी का पर्व : डाक्टर आचार्य सुशांत राज

डाक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डाक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू धर्म में श्रावण मास को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इस पूरे महीने भगवान शिव की आराधना की जाती है। इसी महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से जीवन में आने वाली कई बाधाएं दूर होती हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस अवसर पर श्रद्धालु उपवास रखते हैं और व्रत कथा का पाठ कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। वर्ष 2025 में सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 28 जुलाई की रात्रि 11:24 बजे होगा और इसका समापन 30 जुलाई प्रात 12:46 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ समय सुबह 5:41 से लेकर 8:23 बजे तक रहेगा। इस प्रकार, पूजा की कुल अवधि लगभग 2 घंटे 43 मिनट की होगी। भविष्य पुराण के ब्रह्मा पर्व में नाग पंचमी से जुड़ी एक विशेष कथा का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार सुमंतु मुनि ने राजा शतानीक को इस व्रत की महिमा सुनाई थी। बताया गया है कि श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन नागलोक में विशेष उत्सव मनाया जाता है। जो व्यक्ति इस दिन नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है, उसके कुल को नाग देवता भयमुक्त कर देते हैं और काल सर्प दोष से छुटकारा मिलता है। महाभारत में वर्णित एक प्रसंग के अनुसार जब राजा जन्मेजय ने अपने पिता की मृत्यु के कारण सर्पों के विनाश हेतु यज्ञ करवाया, तब उस यज्ञ में अनेक नाग जलने लगे थे। उसी समय आस्तिक मुनि ने उस यज्ञ को रोक दिया और नागों की रक्षा की। यह घटना भी श्रावण शुक्ल पंचमी की तिथि पर घटी थी।

 

 

 

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