भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि आस्था पर लाठी नहीं चलाई जाती : गरिमा मेहरा दसौनी

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून 13 अगस्त। सोनप्रयाग, केदारनाथ यात्रा मार्ग के जो दृश्य सामने आए हैं, वह “अतिथि देवो भव” की भारतीय संस्कृति पर एक काला धब्बा है। यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। गरिमा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार और प्रशासन की कुप्रबंधन व असंवेदनशीलता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार के लिए श्रद्धालुओं की भावनाओं का कोई महत्व नहीं है। दसौनी ने कहा कि जब रेड अलर्ट था, जब यात्रा रोकनी थी, तो क्या यात्रियों को लाठी से पीटना ही एकमात्र विकल्प था? क्या लाउडस्पीकर से समय रहते सूचित नहीं किया जा सकता था? क्या हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने वाली यही सरकार श्रद्धालुओं के पांव पखारने के बजाय उन पर लाठियां बरसाएगी?

दसौनी ने कहा कि ये श्रद्धालु कोई उपद्रवी नहीं, बल्कि भगवान शिव के भक्त थे। फिर भाजपा सरकार को उनसे क्या समस्या हो गई कि उन्हें चोटिल कर दिया गया? क्या यह गुस्सा अपनी नाकामी छुपाने के लिए है? गरिमा ने बहुत तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का विषय नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पहचान और अर्थव्यवस्था का आधार है। अगर आपकी व्यवस्थाओं में कमी है, तो उसका खामियाज़ा श्रद्धालुओं को क्यों भुगतना पड़े? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि “देवभूमि” कहे जाने वाले राज्य में भक्तों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया। भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि आस्था पर लाठी नहीं चलाई जाती।

 

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