राष्ट्र की सुरक्षा प्रथम का हो संकल्प : डॉ चिन्मय पण्ड्या

भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

हरिद्वार 15 अगस्त। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं गायत्री विद्यापीठ में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। पूरे परिसर में देशभक्ति का उल्लास और राष्ट्रीय प्रेम की भावना स्पष्ट रूप से झलक रही थी। तिरंगा फहराते हुए देश के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके आदर्शों को स्मरण करते हुए देशसेवा की प्रेरणा ली गई।

मुख्य कार्यक्रम प्रात: शांतिकुंज परिसर में ध्वजारोहण से आरंभ हुआ, जहाँ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या व संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने तिरंगा फहराया। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय ने कहा कि स्वतंत्रता राजनीतिक अधिकार के साथ यह आत्मनिर्भरता, आत्मविकास और राष्ट्र के पुनर्निर्माण का अवसर है। देसंववि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि वर्तमान में भारत एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा है। सीमाओं पर स्थिति गंभीर हैं। देश को अपने नागरिकों की सजगता, समर्पण और संकल्प की आवश्यकता है। सीमा पर बढ़ते तनाव ने हमें एक बार फिर यह स्मरण कराया है कि राष्ट्र रक्षा केवल सीमा पर तैनात सैनिकों का दायित्व नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक का धर्म है। गायत्री परिवार सदैव से राष्ट्र निर्माण, सांस्कृतिक जागरण और जनचेतना का अग्रदूत रहा है। आज समय की पुकार है कि हम राष्ट्र प्रथम के संकल्प को जीवन में उतारें। इस उद्देश्य से शांतिकुंज में एक विशेष प्रशिक्षण शिविर प्रारम्भ किया जा रहा है, जहाँ सेना, अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस सेवा से प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा शारीरिक, मानसिक एवं आपातकालीन स्थितियों से निपटने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा।

गायत्री विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। देशभक्ति गीतों, नृत्य व लघुनाटक ने उपस्थितजनों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर सम्पूर्ण वातावरण राष्ट्रभक्ति, संस्कृति और सेवा के रंग में रंगा हुआ दिखाई दिया। इस अवसर पर व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि सहित शांतिकुंज, देसंविवि परिवार और देश विदेश से आये अनेकानेक नर नारी उपस्थित रहे।

 

 

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