‘हिमालय में अस्वाभाविक आपदाएं: मानव जनित कारकों की भूमिका’ पर विमर्श शृंखला आयोजित

संदीप गोयल\एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून 29 सितम्बर। आज राज्य अतिथि गृह, बीजापुर देहरादून में  वृक्षाबंधन अभियान द्वारा हिमालय प्रबंधन एवं उत्तराखंड में आपदाओं के निमन्त्रण हेतु ‘हिमालय में अस्वाभाविक आपदाएं: मानव जनित कारकों की भूमिका’ (Unnatural Disastersin the Himalayas: The Role of Anthropogenic Factors) विषय पर विमर्श शृंखला आयोजित की गई। विमर्श श्रंखला बैठक की प्रथम कड़ी में बड़ी संख्या मे पर्यावरण – पारिस्थितिकी विशेषज्ञों एवं समाज सेवकों ने सशक्त भागीदारी प्रदान की। जिनमे वृक्षाबंधन अभियान के संस्थापक विचारक मनोज ध्यानी, ब्रिगेडियर (से.नि) के.जी बहल, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, पूर्व महाप्रबंधक जल निगम इंजीनियर सुरेश चन्द्र पंथ, पूर्व पी.सी.सी.एफ एसएस रसायली, पूर्व महानिदेशक एफआरआई डॉ वी.के.बहुगुणा, नैनीताल उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट बी.पी.नौटियाल, ऑलंपिक इणिडया इक्युटी फोरम के महासचिव इंजिनीयर वी.पी.नौटियाल, प्रख्यात स्तंभकार वीरेंद्र कुमार पैन्यूली, धाद के मेजर (से.नि.) महाबीर सिंह रावत, जंगल की पाठशाला के अवधेश शर्मा, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी श्रीमती द्वारिका बिष्ट, श्रीमती आशा नौटियाल, श्रीमती तारा पांडे, श्रीमती लखविंदर कौर, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के महामंत्री पुनीत नन्दा,  बलवंत सिंह नेगी, अनीता शास्त्री, हेमंत कुमार, चैनल हेड अभय कुमार, मंडुआ किंग के सुभाष रतूडी,  हिम्पा फाउंडेशन के लक्ष्मण नेगी, श्रेय नौटियाल मयंक, कन्या गुरुकुल की प्राचार्य सुश्री संतोष कुमारी,  पूर्व प्राचार्य राम सिंह कैडा, परवेश नौटियाल, अरुणादित्य ध्यानी, पुष्पेन्द्र सेमवाल आदि ने भागीदारी प्रदान की। विमर्श कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रिगेडियर (से.नि) के.जी बहल एवं संचालन वृक्षाबंधन अभियान के अध्यक्ष मनोज ध्यानी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती गान से किया गया। कन्या गुरुकुल की छात्राओं ने तिलक गान गाकर तिलक करते हुए सभी अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम में आपदाओं में मानव जनित कारकों पर गंभीरता से चर्चा की गई व यह सहमति बनी कि इस पर एक विस्तृत दृष्टिपत्र तैयार किया जाएगा। हिमालय प्रबंधन हेतु हिमालय में किए जा रहे बदलाव और साथ में जलवायु परिवर्तन के कारणो को जानने का प्रयास किया गया। इस विमर्श में केदारनाथ, जोशीमठ, धराली (उत्तरकाशी), थराली (चमोली), नन्दा घाट (चमोली), देहरादून आदि आपदाओं पर विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला व इनमे एकरूपता की बात को उठाने का प्रयास किया। उत्तराखंड में सतत विकास पर भी काफी गहनता से मन्थन किया गया। कार्यक्रम में कन्या गुरुकुल की प्राचार्य सुश्री संतोष कुमारी व छात्राओं को शॉल पहनाकर एवम उन्हें स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वाली छात्राओं में कु. भूमि, कु. दीपाली,  कु. वैश्नवी, कु. युविका, कु. शिपरा, कु. प्रियंका,  कु. अर्निका,  कु. कुंती,  कु रिद्धिमा, कु. रश्मि,  कु. अन्शिका डागर,  कु. दीपाक्षी,  कु. रितिका, कु. कृतिका, कु. अंजली रहीं।

 

 

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