एस.के.एम. न्यूज सर्विस

हरिद्वार। भारत की सूर्यनगरी जोधपुर स्थित वीतराग सिटी के.डी.आर. फार्म हाउस का वातावरण आज भक्ति, श्रद्धा और अध्यात्म की तेजस्वी ज्योति से आलोकित हो उठा, जब जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ अनन्तश्रीविभूषित पूज्यपाद श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज “पूज्य आचार्यश्री जी” ने अपने राजस्थान प्रवास के द्वितीय दिवस पर विशाल जनसमुदाय को गुरुमंत्र द्वारा सनातन धर्म में दीक्षित किया। दीक्षा समारोह में हजारों साधक-भक्तों ने “पूज्य आचार्यश्री” से दीक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को धर्ममय, अनुशासित और सेवा-समर्पित जीवन की दिशा में प्रतिष्ठित किया। दीक्षा समारोह के उपरान्त मोकलावास स्थित सोनारों की प्याऊ में ब्रह्मलोकवासिनी माता तुलसी देवी जी की पुण्यस्मृति में निर्मित “तुलसी सत्संग भवन” का “पूज्य आचार्यश्री जी” ने भव्य लोकार्पण किया। यह भवन न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार का एक नवीन केन्द्र भी बनेगा। लोकार्पण समारोह में “पूज्य आचार्यश्री” ने कहा कि हम त्याग और विचारपूर्वक वस्तु, पदार्थों का उपयोग करें। मनुष्य-जीवन प्रभु की अनुकम्पा से प्राप्त दिव्य अवसर है। यह शरीर धर्म-साधना का श्रेष्ठ साधन है। हम अमृतपुत्र हैं; परमात्मा की संतान, भगवान के अंश हैं। अतः मनुष्य बनकर रहना, यही सच्चा साधन है। सत्संग से ही यह विवेक जाग्रत होता है कि क्या ग्राह्य है और क्या त्याज्य? महात्माओं के आचरण और सद्गुरु के उपदेश से भ्रम, भय और अज्ञान का नाश होता है। ”पूज्य आचार्यश्री जी” के इन वचनों से उपस्थित जनसमूह का हृदय अध्यात्म, विवेक और कर्तव्यनिष्ठा के नूतन संकल्पों से ओतप्रोत हो उठा। “पूज्यपाद आचार्यश्री जी” के प्रेरक उद्बोधन से जोधपुर की यह पावन धरती श्रद्धा, भक्ति और संस्कारों के नवीन आलोक से धन्य हो उठी। आज के इस कार्यक्रम में प्रभु प्रेमी संघ के वरिष्ठ अधिकारीगण, कार्यकर्ता एवं असंख्य श्रद्धालु साधकगण उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *