डॉ. पण्ड्या ने दी अण्डमान निकोबार में मनुष्य जीवन के मूल्य पर प्रेरक सीख

भगवती प्रसाद गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

हरिद्वार 26 अक्टूबर। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पंड्या अण्डमान निकोबार प्रवास के अंतर्गत यहाँ के दूसरे प्रमुख नगर दिगलीपुर पहुँचे। सुभाष ग्राम पंचायत हॉल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में युवा आइकॉन डॉ. पंड्या ने प्रबुद्ध वर्ग, समाजसेवी एवं भावनाशील परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दुर्लभ मनुष्य जीवन हमें मिला है। जब मनुष्य इसके मूल्य को समझ लेता है, तब वह अपने ईश्वरप्रदत्त दायित्वों का सही निर्वहन करता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने भीतर की संभावनाओं को जागृत कर, श्रेष्ठ नागरिक बनकर और पीडि़त मानवता की सेवा करके एक आदर्श समाज का निर्माण करना चाहिए। यह लक्ष्य तभी प्राप्त होगा जब लोग अपने कर्मों को उच्च उद्देश्यों से जोड़ेंगे और अपने कर्तव्य-निर्वाह के माध्यम से वसुधैव कुटुंबकम् (पूरी दुनिया एक परिवार है) की भावना को अपनाएंगे। उन्होंने युगऋषि परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा दिया गया सूत्र ‘मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण’ की जानकारी दी। इससे पूर्व उन्होंने दिगलीपुर के अनेक गणमान्य एवं विशिष्ट परिजनों से भेंट किया और जनवरी २६ में हरिद्वार में होने वाले जन्मशताब्दी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। साथ ही अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डॉ चिन्मय पण्ड्या ने उन्हें साहित्य, शांतिकुंज का प्रतीक चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान दिगलीपुर ग्राम पंचायत के प्रमुख श्री सिंघाराम तथा प्रसिद्ध व्यवसायी श्री उत्तम साहा  आदि की विशेष उपस्थिति रही। बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, शिक्षाविद् एवं गायत्री परिवार के कार्यकर्ता कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

 

 

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