भू माफियाओ के खिलाफ जन संगठनों का धरना

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून। विपक्षी दलों, जन संगठनों, एवं आम लोगों ने आज  माफियों के खिलाफ और लोगों के घरों के लिए आवाज़ उठाई। आज राज्य भर और ख़ास तौर पर देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, भवाली और अन्य क्षेत्रों में लोगों ने धरना दिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य में लगातार भू माफिया और खनन माफिया की सक्रियता बढ़ रही है, लेकिन उनपर कारवाई करने के बजाय, सरकार कहीं अतिक्रमण हटाने के नाम पर और कहीं विकास परियोजनाओं के नाम पर आम लोगों को बेघर कर रही है।इसलिए विभिन्न जन संगठनों और विपक्षी दलों के आवाहन पर “भू माफिया को भगाओ, जनता को बसाओ” और “हमें चाहिए जनता का विकास, न की बुलडोज़र से विनाश” के नाराओं के साथ प्रदेश में जगह -जगह या अपने घर में ही लोगों ने धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि अप्रैल महीने से देहरादून, रुद्रपुर, टिहरी, लोहारी, हल्द्वानी, और अन्य जगहों में लोगों को बेघर किया गया है। झुग्गियों को भी उजाड़ने की मुहीम चलाने की प्रयास चल रहा है। यह समस्या सिर्फ शहरों में नहीं हो रही है। देहरादून जिले में लोहारी गांव के लोगों को अपना शताब्दियों पुराना गांव 48 घंटों के अंदर खाली करना पड़ा। राज्य के और क्षेत्रों से कभी तालाब का क्षेत्र होने के नाम पर, कभी वन विभाग की ओर से, कभी विकास परियोजनाओं के नाम पर लोगों को बेदखल करने की बात चल रही है। धरना देने वाले संगठनों ने कहा कि ऐसी घटनाओं में कहीं कहीं भू माफिया का हाथ भी दिख रहा है। जैसे कि देहरादून की आमवाला तरला बस्ती में लोगों को धमकी मिली और तुरंत, बिना नोटिस व समय दिये, बरसात के बीच उनके घरों को तोडा गया। जबकि क़ानूनी प्रावधान के अनुसार 10 दिन का नोटिस और खाली करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाना चाहिए। आज तक उन लोगों के आरोपों पर कोई जांच नहीं की गयी। धरने में जन संगठनों की और से उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड लोक वाहिनी, चेतना आंदोलन, आल इंडिया किसान सभा, सर्वोदय मंडल, जन संवाद समिति, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। राजनैतिक दलों की और से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल कौंसिल सदस्य समर भंडारी और समाजवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष डॉ एसएन सचान भी शामिल रहे।

 

 

 

 

 

 

 

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