श्री देव सुमन के शहादत दिवस को “लोकतंत्र दिवस” के रूप में मनाया

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में हो रही दमन, अत्याचार और बढ़ती हुई नफरत को ध्यान में रखते हुए आज राज्य के जन संगठनों एवं विपक्षी दलों ने अमर शहीद श्री देव सुमन के शहादत दिवस को “लोकतंत्र दिवस” के रूप में मनाया। कार्यक्रमों में भागीदारी लेते हुए आंदोलनकारियों, राजनेताओं और आम नागरिकों ने चिंता व्यक्त की कि हेलंग से ले कर लोहरी तक, देहरादून के मज़दूर बस्तियों से ले कर लड़ते हुए किसानों और कर्मचारियों तक, सरकार लगातार लोकतान्त्रिक मूल्यों और लोगों के मूल अधिकारों का उलंघन कर रही है। आज ऐसे कार्यक्रम देहरादून, श्रीनगर, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमियाला और अन्य जगहों में हुए। देहरादून के शहीद स्मारक पर आयोजित किये गये सम्मेलन में श्री देव सुमन को श्रद्दांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने ख़ास तौर पर हेलंग में घसियारी महिलाओं पर हुऐ हमले, लोहरी गांव को जिस ढ़ग से बेदखल कर दिया गया, और राज्य के शहरों में भू माफिया का बढ़ती हुई सक्रियता पर बातें रखी। उन्होंने लोहरी और देहरादून के आमवाला तरला बस्ती में जिस दंग से लोगों को बेघर कर दिया गया है, उन घटनाओं को ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार सीधा लोगों के मूल अधिकारों पर हमला कर रही है। 2018 का भू कानून संशोधन पर भी आक्रोश जताया गया। साथ- साथ में वक्ताओं ने कहा कि श्रम कानूनों को कमज़ोर कर दिया गया है, वन अधिकार कानून की अमल ही नहीं हो रही है, किसानों को दिया गया वादों पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है और अग्निपथ योजना द्वारा लाखों युवाओं के सपनों को तोडा गया है। कुल मिला कर जनता के हक़ों के लिए बनाये हुए कानूनों को ताक़ पर रख दिए गए हैं लेकिन माफिया और बड़ी पूंजीपतियों के हित में कारवाई तेज़ी से आगे बढ़ते हुए दिख रही है। इसके अलावा नफरत और हिंसा को फैलाने के प्रयास लगातार बढ़ते हुए दिख रहे हैं, यहाँ तक कि देश के वरिष्ठ वकीलों और सेवानिवृत सेना अधिकारीयों को लगातार सवाल उठाना पड़ा है, लेकिन सत्ताधारी दल इन खतरनाक कार्यों को बढ़ावा देते हुए दिख रही है। इस समय श्री देव सुमन जैसे महानायकों के विचारों को ज़िंदा रखना बहुत ज़रूरी है। देहरादून में सम्मेलन इतिहासकार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिधर पंडित के अध्यक्षता में हुआ। कमला पंत, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल कौंसिल सदस्य समर भंडारी, जन संवाद समिति से सतीश धौलखंडी, कमलेश खंतवाल, सर्वोदय मंडल से बिजू नेगी, जनवादी महिला समिति से इंदु नौटियाल, राज्य आंदोलनकारी मोहन सिंह रावत एवं जबर सिंह पावेल, राज्य आंदोलनकारी मंच से प्रदीप कुकरेतती नितिन मलेठा ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। राजेंद्र शाह, मुकेश उनियाल, सुनीता देवी, पप्पू, संजय, आधी शामिल रहे। समाजवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष डॉ एसएन सचान ने कार्यक्रम को समर्थन दिया। चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल ने संचानल किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से राजीव लोचन साह,कमला पंत, निर्मला बिष्ट, गीता गैरोला एवं चन्द्रकला, समर भंडारी, डा एसएन सचान राज्य अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, शंकर गोपाल, विनोद बडोनी, सतीश धौलखंडी, विजय भट्ट, बिजू नेगी, गंगाधर नौटियाल, आल इंडिया किसान सभा और प्रदेश भर के अन्य संगठन के लोग मौजूद थे।