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उक्रांद ने की गढ़वाल कमिश्नर से मुलाकात

संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून। हेलंग घसियारी महिलाओं की उत्पीड़न की जांच एवं दोषी   पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने एवं समस्त उत्तराखंड के मूल निवासियों को घास एवं लकड़ी लाने पर लगाए गए सरकारी प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रान्ति दल से जुड़े कार्यकर्ताओ ने गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता डॉ शक्ति शैल कपरूवाण ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस एवं सीआइएसएफ कर्मियों ने हेलंग जोशीमठ में घास लाती हुई महिलाओं को  गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन में घंटों कैद करके रखा जो एक अमानवीय घटना तो है, ही महिला उत्पीड़न की आयोजित गंभीर घटना है एवं गैर कानूनी है। जिसमें कंपनी टीएचडीसी के मालिकों की  संलिप्तता है। हेलंग महिला उत्पीड़न ने साबित कर दिया है कि उत्तराखंड के मूल निवासियों के उन्हीं के पूर्वजों द्वारा पोषित पहाड़ के जल जंगल जमीन पर से केंद्र व राज्य सरकार ने  मौलिक अधिकार छीन लिए हैं और पहाड़ी क्षेत्र में कृषि , पशुपालन , उद्यान जैसे पारंपरिक और मौलिक व्यवसाय पर सरकार ने प्रत्यक्ष प्रतिबंध लगा दिया है। उत्तराखंड क्रांति दल की मूल धारणा, उद्देश्य और संघर्ष यही रहा है कि उत्तराखंड के मूल निवासियों को उनकी जल, जंगल, जमीन संबंधी अधिकार उन्हें उन्हें वापस दिए जाएं।  हेलंग महिला उत्पीड़न से आहत होकर उत्तराखंड क्रांति दल ने पूरे उत्तराखंड में जिला अधिकारियों के माध्यम से राज्य सरकार व मुख्यमंत्री से दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है।     हेलंग अपनी पार्टी के हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं  फैक्ट फाइन्डिग कमेटी के चेयरमैन डीके जोशी को भेजकर उनसे रिपोर्ट प्राप्त की है और एक दूसरा प्रतिनिधिमंडल भी हेलंग गया है। क्योंकि उत्तराखंड क्रांति दल महिला सम्मान पर होने वाले किसी भी हमले के विरुद्ध गंभीरता से लड़ाई लड़ता है। हेलंग महिला उत्पीड़न प्रकरण की शीघ्र जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया जाये। गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार से मुलाकात करने वालों में मुख्य रूप से उत्तराखंड क्रांति दल के  वरिष्ठ नेता डॉ शक्ति शैल कपरूवाण , एडवोकेट दीपक रावत, सुनील ध्यानी, विजेंद्र रावत, संजीव भट्ट उपस्थित रहे। कमिश्नर सुशील कुमार ने आश्वत किया कि सोमवार को इस प्रकरण के सभी विन्दुओं पर  विश्लेषण करके दोषियों को दण्डित किया जाएगा, उन्होंने यह भी कहा कि कही ऐसा क़ानून जो स्थानीय लोगो के हकों के लिए बाधक होगा उसमे शिथिलता के लिए सरकार से आग्रह किया जायेगा।

 

 

 

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