हिमाचल गुजरात विधान सभा चुनाव मे मोदी भारी : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज
देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज का कहना हैं की हिमाचल व गुजरात विधान सभा चुनाव मे सत्ता परिवर्तन के कोई भी संकेत नज़र नहीं आ रहे हैं। कांटे की टक्कर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी पड़ेगे। हिमाचल प्रदेश राहु की महादशा और शनि की अंतर्दशा के प्रभाव में है। हिमाचल प्रदेश के दशम भाव का स्वामी बुध न केवल चंद्रमा के साथ में है बल्कि चंद्रमा के उपनक्षत्र के प्रभाव में भी है। यही कारण है कि यहां के लोगों का मिजाज हर बार बदलता है और लोग ज्यादातर हर बार नई सरकार चुनने में यकीन रखते हैं। क्योंकि वर्तमान में शनि की अंतर्दशा का प्रभाव है और शनि आठवें भाव में नीच का होकर बैठा है जो अप्रत्याशित परिणाम की ओर इशारा कर रहा है। अब यहां के लिए अप्रत्याशित परिणाम तो यही हो सकता है कि जैसा पहले होता रहा है वैसा न हो। यानी इस बार सत्ता परिवर्तन न हो।
हिमाचल और गुजरात में चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर नजर आ रही है। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज का कहना हैं की हिमाचल प्रदेश की जन्मपत्रिका में सूर्य लग्न में है और मकर राशि के राहू द्वितीय स्थान पर हैं और शनि मेष राशि में चतुर्थ स्थान पर हैं। केतु सिंह राशि में अष्टम स्थान पर। लाभ स्थान पर वृश्चिक राशि में मंगल, गुरु व शुक्र हैं। चंद्र, बुध धनु राशि में बाहरवें भाव में हैं। अभी राहु की महादशा चल रही है और राहु की महादशा में शुक्र चलेंगे। चुनाव के लिहाज से देखें तो हिमाचल प्रदेश के ग्रहयोग कांग्रेस की जन्मकुंडली से मेल नहीं खाते हैं। इस वक्त कांग्रेस के ग्रहनक्षत्रों की स्थिति ऐसी नहीं है कि उनके लिए हिमाचल में बहुत सुखद नतीजे आएं। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो पदयात्रा दक्षिण से शुरू की अगर ये यात्रा हिमाचल से प्रारंभ करते तो हिमाचल में बेहतर परिणाम निकल सकते थे। जब भी शुक्र ग्रह महादशा या अंतर्दशा में आते हैं तो जमीन से जुड़े कार्य, पदयात्रा और यथार्थ के धरातल पर किए कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं। भाजपा की धनु लग्न की कुंडली है। बुध, केतु कुंभ राशि में तृतीय भाव में हैं। सूर्य चतुर्थ भाव में मीन राशि में हैं। शुक्र स्वराशि वृष में स्थित हैं। भाग्य स्थान पर गुरू शनि, मंगल, राहु सिंह राशि में हैं। चंद्र बाहरवें भाव में वृश्चिक राशि में हैं। बीजेपी की जन्मपत्रिका में भाग्येश सूर्य की 2026 तक महादशा चल रही है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक देश में 2026 तक जहां भी चुनाव होंगे बीजेपी अधिकतर जगहों पर जीत दर्ज करेगी। करीब 70 फीसदी जगहों पर बीजेपी सरकार बनाएगी। फिलहाल राहु में शुक्र चल रहे हैं और राहु और शुक्र का यह योग शुक्र के आते ही सत्ताधारी पार्टी को लाभ देता है। वैसे भी राहु -शुक्र का ये योग भाजपा को अधिक लाभ दे रहा है।
गुजरात पर सूर्य की महादशा में गुरु की अंतर्दशा का प्रभाव है। वहीं 25 दिसंबर के बाद शनि की अंतर्दशा का प्रभाव शुरू हो जाएगा। दोनों ही ग्रह नवम भाव में बैठे हुए हैं जो मुखिया के परिवर्तन या फिर सत्ता के परिवर्तन के संकेतक हैं। विश्लेषण इस बात का करना है कि यहां सत्ता परिवर्तन होगा या फिर मुखिया का परिवर्तन। इसका अनुमान हम दशाओं के सामंजस्य से लगाएंगे। गुरु की अंतर्दशा के प्रभाव वाले गुजरात के साथ शनि की अंतर्दशा की प्रभाव वाली बीजेपी औसत दर्जे का संबंध रख सकती है। यानी यहां से न तो सकारात्मक और न ही नकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। अर्थात बीजेपी की वर्तमान स्थिति प्रैक्टिकली जैसी है, उसको वैसे ही परिणाम मिलेंगे, बहुत अधिक चमत्कार होने की उम्मीद नहीं है। अब हम इनके विरोधी दलों की भी बात कर लेते हैं। गुरु की अंतर्दशा वाले गुजरात के साथ राहु की अंतर्दशा वाले कांग्रेस की कंपैटिबिलिटी कमजोर है। अर्थात वर्तमान में गुजरात के भीतर कांग्रेस का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से कमजोर रह सकता है, जिसका फायदा इसके विरोधी दलों को मिल सकता है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो इसकी अंतर्दशाएं भी बृहस्पति की है। यह इस पार्टी के लिए एक अच्छी स्थिति है। लेकिन मकर लग्न वाली आम आदमी पार्टी के लिए बृहस्पति विरोधी ग्रह है। लिहाजा गुजरात के लोग इन के प्रति आकर्षित तो होंगे लेकिन अंत समय पर उनका मूड इनके प्रति बदल भी सकता है। असंतोष के बावजूद भी गुजरात के वोटर बीजेपी को मतदान कर सकते हैं। तो वहीं कांग्रेस आपसी कलह या षड्यंत्र का शिकार हो सकती है। जबकि आम आदमी पार्टी को भी गुजरात में चंद सीटे मिलती हुई नजर आ रही है। हिमाचल की तरह गुजरात में भी भाजपा अपनी अस्मिता बचाने में तुलनात्मक रूप से बेहतर कर सकती है अलबत्ता यहां शीर्ष नेतृत्व व मंत्रियों के बदलाव की उम्मीद हिमाचल की तुलना में अधिक है।