एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून 10 सितंबर। भारतीय नौसेना के लिए मेसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट प्रोजेक्ट के चौथे और पांचवें जहाज मालपे और मुल्की को सीएसएल, कोच्चि में लॉन्च किया गया था। समुद्री परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, दोनों जहाजों को दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास की उपस्थिति में श्रीमती विजया श्रीनिवास द्वारा लॉन्च किया गया। माहे क्लास एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट्स का नाम भारत के तट के साथ रणनीतिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है, और यह पूर्ववर्ती माइनस्वीपर्स की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा जो उनके नाम पर थे। 30 अप्रैल 2019 को रक्षा मंत्रालय और सीएसएल के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। माहे श्रेणी के जहाज स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक अंडरवाटर सेंसर से लैस होंगे, और इन्हें एंटी-वॉटर सेंसर से लैस किया जाएगा। तटीय जल में पनडुब्बी संचालन के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन और खदान बिछाने के संचालन। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज 1800 समुद्री मील तक की सहनशक्ति के साथ 25 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकते हैं। इन जहाजों का एक साथ प्रक्षेपण स्वदेशी जहाज निर्माण में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में भारत की प्रगति को उजागर करता है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन निष्पादित किया जाएगा, जिससे देश के भीतर रोजगार और क्षमता में वृद्धि होगी।

 

 

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