एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत का इस साल का तीसरा दो-सप्ताह का ऑनलाइन शॉर्ट-टर्म इंटर्नशिप कार्यक्रम आज नई दिल्ली में आयोग परिसर में शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से, अलग-अलग शैक्षणिक विषयों के विश्वविद्यालय स्तर के 100 छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इंटर्नशिप का उद्घाटन करते हुए एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने मानवाधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने में समाज के विवेक रक्षक के रूप में आयोग की भूमिका पर प्रकाश डाला, ताकि समाज के कमजोर वर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों का हल ढूंढा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं को सहानुभूति और संवेदना के स्वभाव को आत्मसात कर मानवाधिकार रक्षकों के रूप में विकसित होने के लिए इस इंटर्नशिप के दौरान मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं के बारे में मिलने वाली जानकारी का सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए। भरत लाल ने कहा कि प्रशिक्षुओं को समाज के विभिन्न वर्गों के मानवाधिकारों की रक्षा में, भारत के दीर्घकालिक प्रयासों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, जो प्राचीन युग से चली आ रही प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत ने करुणा और सहानुभूति की भावनाओं के प्रति अपने समर्पण का प्रदर्शन करते हुए, उत्पीड़न का दंश झेल रहे समुदायों को लगातार मदद की पेशकश की है। महासचिव ने न केवल नागरिक और राजनीतिक अधिकारों बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा के लिए विधायी उपायों और नीतिगत सुधारों का भी ज़िक्र किया, जिससे लोगों के, सम्मान के साथ जीने का अधिकार सुनिश्चित हो सके। इससे पहले, एनएचआरसी के संयुक्त सचिव श्री देवेन्द्र कुमार निम ने इंटर्नशिप का खाका पेश किया, जिसमें मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर प्रख्यात वक्ताओं द्वारा आयोजित होने वाले सत्रों के अलावा, प्रशिक्षुओं को अपने मानवाधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों का भी अनुभव मिलेगा। उन्हें जेलों, पुलिस स्टेशनों, आश्रय गृहों, गैर सरकारी संगठनों आदि के कामकाज और उनसे संबंधित चुनौतियों की समझ के लिए वर्चुअल टूर पर भी ले जाया जाएगा। समारोह का समापन एनएचआरसी के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए एनएचआरसी को मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों के निष्पादन के अलावा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने का दायित्व सौंपा गया है। इनमें इंटर्नशिप कार्यक्रम, सहयोगात्मक प्रशिक्षण और अन्य जागरूकता संबंधी गतिविधियाँ भी शामिल हैं। इंटर्नशिप व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती हैं। ऑनलाइन इंटर्नशिप का आयोजन इसलिए किया जाता है, ताकि दूरदराज के इलाकों के छात्र, यात्रा और दिल्ली में रहने पर बगैर कोई खर्च किए इंटर्नशिप में शामिल हो सकें।

 

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