अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : जूनियर रेडक्रॉस ने मातृभाषा का महत्व बताया

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एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

फरीदाबाद। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में मातृभाषा पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा,  दीपांजलि और शारीरिक शिक्षक दिनेश ने भाषा की अनिवार्यता व उपयोगिता पर व्याख्यान दिया और विद्यार्थियों के साथ मातृभाषा के प्रचार प्रसार की शपथ भी  ली। छात्र छात्राओं ने  मातृभाषा की अनिवार्यता पर कविता पाठ द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष 25वां अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है। इस विशेष दिन को मनाने के लिए यूनेस्को द्वारा एक अनूठी थीम चुनी जाती है। 2025 का थीम विषय यूनेस्को द्वारा घोषित इस दिवस की 25वीं वर्षगांठ की थीम अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का रजत जयंती समारोह है, यह भाषा के संरक्षण में हुई प्रगति पर प्रकाश डालती है और लुप्तप्राय भाषाओं की रक्षा करने तथा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए निरंतर वैश्विक प्रयासों का आह्वान करती है। यह शिक्षा, सामाजिक एकीकरण और पहचान में मातृभाषाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण कराता है। बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग, चुनौतियां और अवसर। यह बहुभाषी शिक्षा को आगे बढ़ाने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और सीखने के विकास को सहयोग करने के लिए प्रौद्योगिकी की संभावित भूमिका पर केंद्रित है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अंग्रेज़ी के प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता। वैश्‍विक दौड़ में आज हिन्दी कहीं भी पीछे नहीं है। यह केवल बोलचाल की भाषा ही नहीं बल्कि सामान्य काम से लेकर इंटरनेट तक के क्षेत्र में और एम्प्लॉयमेंट जैसे अध्यापन, टीवी सीरियल, चलचित्र, कहानी एवम संवाद लेखन आदि में अपार संभावनाएं हैं। इसका प्रयोग निरंतर हो रहा और बढ़ रहा है। हमें यह अपेक्षा अवश्य है कि क्षेत्र के शासकीय कार्यालयों में सभी कार्यकलाप हिन्दी में हो। ख और ग क्षेत्र में भी निर्धारित प्रतिशत के अनुसार हिन्दी का प्रयोग होता रहे। उन्होंने छात्राओं को अपनी संस्कृति एवं स्मृद्धशाली इतिहास से अवगत करवाते हुए मातृभाषा के प्रचार और प्रसार के लिए कार्य करने के लिए कहा। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने सभी अध्यापकों एवं छात्र छात्राओं का आभार व्यक्त किया तथा सभी का अभिनंदन करते हुए अपने मातृभाषा के प्रचार और प्रसार के लिए और भी गंभीर होने के लिए प्रेरित किया।

 

 

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