रिस्पना और बिंदल नदी के किनारे डिमार्केशन की कार्यवाही शुरू

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। एलिवेटेड सड़क प्रोजेक्ट के लिए से आज से रिस्पना और बिंदल नदी के किनारे डिमार्केशन की कार्यवाही शुरू हो गई है। इसके साथ ही चिन्हीकरण की कार्रवाई भी विभाग द्वारा शुरू कर दी हो गई है। दूसरी तरफ लोक निर्माण विभाग ने जिलाधिकारी देहरादून को पत्र लिखा गया है, जिसमें प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाली क्षेत्र में लैंड यूज चेंज और खरीद फरोख्त पर रोक लगाने की मांग की गई है। जिससे इस प्रोजेक्ट के प्रभावित भूमि पर कोई भी मुआवजा पाने के लिए लैंड यूज ना चेंज करवा सके। साथ ही यहां जमीनों की खरीद फरोख्त न की जा सके। कार्यदायी संस्था से विभाग को अधिग्रहण का प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। जब भी इस तरह से कोई बड़ा प्रोजेक्ट धरातल पर उतर जाता है तो वहां पर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान ही धारा 11 लागू हो जाती है। जिसके तहत प्रभावित क्षेत्र में लैंड यूज चेंज करना और वहां पर जमीनों की खरीद फरोख्त पर स्वाभाविक तरीके से रोक लग जाती है। यह एक तरह से रजिस्ट्री सीज हो जाती है।
बिंदाल नदी पर बनने वाले 15 किलोमीटर के एलिवेटेड रोड के चलते कारगी ग्रांट, ब्राह्मण वाला, निरंजनपुर, कावली रोड, देहरा खास, डोभाल वाला, चुक्खू मोहल्ला, विजयपुर, हाथीबड़कला जोहड़ी, मालसी और किशनपुर सहित डाकपट्टी वाला क्षेत्र प्रभावित होगा। यहां पर जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। रिस्पना नदी के ऊपर बनने वाले 11 किलोमीटर के एलिवेटेड रोड के चलते धर्मपुर, डालनवाला, कंडोली, झज्जरा, धोरन खास, भगत सिंह कॉलोनी, राजीव नगर इत्यादि इलाकों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। देहरादून में बढ़ते ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए लोग निर्माण विभाग ने शहर के ट्रैफिक मोबिलाइजेशन को लेकर यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतारने का फैसला किया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार निर्माण कार्य शुरू होने के बाद 1 साल के भीतर यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत तकरीबन 61000 करोड़ है। जिसमें बिंदल नदी पर बनने वाले एलिवेटेड रोड की लागत 4000 करोड़ और रिस्पना नदी पर बनने वाले एलिवेटेड रोड की कीमत 2100 करोड़ अनुमानित रखी गई है।