शिक्षा का दिव्य दान ही भविष्य का भारत गढ़ेगा

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

ऋषिकेश, 5 सितम्बर। आज शिक्षक दिवस हमारे गुरुओं व शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता का पर्व है। भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन, जिनकी शिक्षाएँ आज भी हमें मार्गदर्शन देती हैं। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा – “भारतीय संस्कृति में गुरु को सदा सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। गुरु जीवन के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का दीप प्रज्वलित करते हैं। शिक्षक केवल पेशा नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण का यज्ञ हैं।”  राष्ट्र की प्रगति का मार्ग शिक्षकों से होकर ही निकलता है। आज हम उन शिक्षक रूपी दीपकों को नमन करते हैं, जो स्वयं जलकर समाज को आलोकित करते हैं।

 

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