एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित गांधी पार्क ब्रिटिश कालीन है। पहले परेड ग्राउंड, गांधी पार्क और पवेलियन ग्राउंड एक ही जगह पर स्थित थे। बाद में, पवेलियन ग्राउंड को विभाजित किया गया और फिर परेड फील्ड को भी, और इन तीनों को अलग-अलग विकसित किया गया। महात्मा गांधी के जन्म और शहादत का विवरण गांधी पार्क के भीतर एक विशेष सफेद संगमरमर के पट्टिका पर अंकित है। 1951 में आत्माराम गौर ने यह संगमरमर श्री केशव चंद को भेंट किया था। उस समय श्री केशव चंद देहरादून नगर परिषद के आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। इस प्रकार, यह पार्क भारत की स्वतंत्रता से भी पहले का है। महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद इसका नाम बदलकर गांधी पार्क कर दिया गया था।  देहरादून समेत देवभूमि से बापू का खास लगाव था। आज भी उनकी कई निशानियां यहां देखने को मिलती हैं। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सम्पूर्ण राष्ट्र में आजादी की अलख जगाने के लिए यूं तो महात्मा गांधी ने देशभर का दौरा किया था, लेकिन देवभूमि उत्तराखंड से उनका खास लगाव था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वह कई बार उत्तराखंड आए। पहली बार महात्मा गांधी साल 1915 के अप्रैल महीने में कुम्भ के दौरान हरिद्वार और ऋषिकेश आए थे। इसके बाद नैनीताल, हल्द्वानी, देहरादून, मसूरी, अल्मोड़ा सहित राज्य के लगभग सभी हिस्सों में बापू ने आजादी की अलख जगाई थी। उत्तराखंड राज्य की स्थापना के ठीक एक वर्ष बाद, 12 नवंबर 2001 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

देहरादून का गांधी पार्क विशाल वृक्षों और हरी-भरी घास से भरा एक बड़ा उद्यान है। यहाँ का नजारा बेहद खूबसूरत है, साथ ही फूल-फूल और कई तरह की झाड़ियाँ भी हैं। यह पार्क स्थानीय लोगों के लिए जॉगिंग, फिटनेस और योग करने का स्थान है। बच्चे यहाँ लगे झूलों पर खेल सकते हैं। सुबह और शाम को टहलने के लिए यह एक बेहतरीन पार्क है। बच्चे यहाँ ट्रेन की सवारी, मिकी माउस वाले बाउंस हाउस, ट्रैम्पोलिन, मेरी-गो-राउंड, कार और बाइक की सवारी, हवाई जहाज की सवारी आदि का आनंद ले सकते हैं। इस जगह का मुख्य आकर्षण खिलौना ट्रेन है। इस खिलौना ट्रेन में 5 डिब्बे हैं जिनमें एक साथ 30 बच्चे बैठ सकते हैं और यह 1400 फुट लंबे ट्रैक पर चलती है। खिलौना रेलगाड़ी के अलावा, हेलीकॉप्टर की सवारी बच्चों की सबसे पसंदीदा है। पार्क में प्रवेश निःशुल्क है। लेकिन बच्चों के पार्क में 5 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए 20 रुपये का शुल्क है। गांधी पार्क शहर के बीचोंबीच स्थित है, इसलिए यहां आने वाले लोगों के लिए यह पार्क हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहता है। इसमें बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क है, जिसमें कई तरह के झूले, ट्रेन आदि मनोरंजन के साधन मौजूद हैं. जबकि आसपास के लोग यहां मॉर्निंग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। गांधी पार्क पहले इतना विकसित नहीं था। अब सौदर्यीकरण करके इसमें कई पेड़-पौधे, जिम मशीनें और बच्चों के मनोरंजन के साधन बनाये गए हैं। स्थानीय जनता के लिए यह बहुत खास है। पहले गांधी पार्क, पवेलियन ग्राउंड और परेड ग्राउंड एक ही मैदान हुआ करता था, जिसे बाद में तीन भागों में बांट दिया गया।

 

 

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