मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ वाममोर्चा ने दिया धरना

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

देहरादून 22 दिसम्बर। तीन वामपंथी दलों ने राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के अवसर आज राजधानी देहरादून में मनरेगा का नाम बदलने तथा इस योजना को अधिकारविहिन करने के खिलाफ गांधी पार्क में संयुक्त धरना दिया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा है कि मोदी सरकार ने हितकारकों के हितों की अनदेखी करते हुये संसद में व्यापक चर्चा किये बिना मनरेगा को अधिकारविहिन करने तथा महात्मा गाँधी जी का नाम हटाकर वी बी रामजी रखकर अपने साम्प्रदायिक एजेण्डे का शिकार बनाया तथा मनरेगा में काम की गारन्टी का अधिकार समाप्त कर ,काम के अधिकार पर ही हमला कर दिया है। वक्ताओं ने कहा है कि मोदी सरकार का यह कानून केंद्रीकरण का हिस्सा है तथा ग्रामीण जनता के रोजगार पाने के अधिकार पर कुठाराघात है। वक्ताओं ने एक स्वर में  उक्त कानून को रद्द करने मनरेगा कानून को यथावत रखने तथा तथा इस योजना के तहत कम से कम 200 दिन का रोजगार तथा न्यूनतम मजदूरी 600 रूपये देने की मांग की। इस अवसर पर सीपीआईएम राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, माले के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी, सीपीआई राष्ट्रीय परिषद पूर्व सदस्य समर भण्डारी, सीपीआईएम सचिव अनन्त आकाश, किसान सभा के राज्य महासचिव गंगाधर नौटियाल, एटक के महामंत्री अशोक शर्मा, सीटू महामंत्री लेखराज, एसएस रजवार, भगवन्त पयाल, धर्मानन्द लखेड़ा, अभिषेक भण्डारी, नुरैशा अन्सारी ,महिपाल सिंह बिष्ट, एनएस पंवार, प्रेमा गढिया आदि बड़ी संख्या लोग शामिल थे।

 

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