बैरासकुंड महादेव : रावण की तपो भूमि बैरासकुंड महादेव का मन्दिर

एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। रावण की तपो भूमि बैरासकुंड महादेव का मन्दिर नन्दानगर के समीप स्थित है। यह मन्दिर पहाड़ी पर स्थित है। नन्दप्रयाग से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित यह स्थल अनादि काल से श्रद्धा एवं विश्वास का केन्द्र रहा है। यहाँ महादेव शिव का प्राचीन मन्दिर है, जिसकी पूजा अर्चना सदियों से होती चली आ रही है। कथाओं के अनुसार त्रेतायुग में शिव के परम भक्त रावण ने महादेव शिव की अखण्ड तपस्या की थी। रावण संहिता व केदारखण्ड शास्त्र आदि धार्मिक ग्रंथों में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है। इस मन्दिर का उल्लेख त्रेतायुग से ही आरम्भ हो गया था। आज भी महादेव शिव के दर्शनों के लिए भक्तों की संख्या कतार में लगी रहती है। यहां मन्दिर के आगे एक कुण्ड भी है, जिसमें पानी की मात्रा काफी अधिक है। कथाओं के अनुसार जब रावण के घनघोर तप करने के बाद भी महादेव शिव ने रावण को दर्शन नहीं दिये तो रावण ने इसी स्थान पर शिवतांडव तथा जाप कर शिव की आराधना की और अपने दस सिर शिव को चढ़ा कर उन्हें प्रसन्न किया। इस स्थान पर जहाँ जहाँ पर दस स्थानों पर रावण ने अपने सर रखे उन स्थानों को दसमोली कहा जाता है। यहाँ प्रतिदिन सुबह 4 बजे शुरू होता है। मंदिर के मुख्य पुजारी और साधु, नेपाली महाराज, भगवान शिव की पूजा करते हैं और भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं, और पूजा दोपहर 12 बजे तक की जाती हैं। सावन के माह में यहाँ शिवजी को जल चढाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता हैं।