दिव्य मंगल प्रवचन आयोजित

एस.के.एम. न्यूज सर्विस
देहरादून, 20 अगस्त। परम पूज्य संस्कार प्रणेता, ज्ञानयोगी, जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्तोत्र, उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के पावन सान्निध्य में आज श्री तुलसी प्रतिष्ठान मंदिर तिलक रोड में दिव्य मंगल प्रवचन आयोजित हुआ। दोपहर 3:00 बजे प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में पूज्य आचार्य श्री के वचनों का लाभ न केवल जैन समाज, बल्कि विभिन्न समुदायों से पधारे श्रद्धालुओं ने भी लिया। आचार्य श्री की अमृतवाणी ने सभी उपस्थितजनों को आध्यात्मिक प्रेरणा और शांति का अनुभव कराया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप नीरज गोयल ट्रस्टी, अश्वनी अग्रवाल अध्यक्ष, एम.पी. गोयल मंत्री, पुनीत मित्तल राज्य मंत्री, श्याम अग्रवाल राज्य मंत्री, अशोक वर्मा पूर्व ओबीसी आयोग अध्यक्ष, अनिल नंदा कुटुंब प्रबंधन प्रमुख, पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा, विजय कथूरिया ह्यूमन राइट्स, विशाल गुप्ता महानगर अध्यक्ष, व्यापार प्रकोष्ठ, पार्षद वैभव अग्रवाल, श्रीमती अनीता गर्ग, श्रीमती विमला गॉड, श्रीमती यासमीन आलम अध्यक्ष, अल्पसंख्यक मोर्चा, सरदार गुरप्रीत सिंह छाबड़ा प्रदेश उपाध्यक्ष, अल्पसंख्यक आयोग, पंकज शर्मा अध्यक्ष अंबेडकर नगर मंडल, विवेक अग्रवाल जनरल मर्चेंट एसोसिएशन, पूर्व पार्षद देवेंद्र पाल सिंह मोंटी एवं अन्य गणमान्य अतिथिगण। पुष्प वर्षा योग समिति द्वारा सभी अतिथियों का पटका पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय जी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उन्हें शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर पूज्य आचार्य श्री के करकमलों से सम्मानित किया गया। आचार्य सौरभ सागर ने अपने प्रवचन में सत्संग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा “सत्संग वह माध्यम है जिसके द्वारा हम पुण्य का संचय करते हैं और जीवन की उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं। धर्म दबाव से नहीं, स्वभाव और निश्चय से चलता है। किसी के साथ भी ऐसा व्यवहार न करें जो स्वयं आपको स्वीकार न हो। आचरण ही व्यक्ति की पहचान बनता है।” उन्होंने यह भी कहा कि “मनुष्य को अपने दुख से परे देखने की दृष्टि सत्संग से मिलती है। यह हमें संयम, समाधान और आत्मिक बल प्रदान करता है।” कार्यक्रम की श्रृंखला में सायंकाल गुरुभक्ति, शंका समाधान एवं वैयावृत्ति कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।