दुख ओटो अपडेट नहीं फिर भी डाउनलोड हो जाता है : आचार्य श्री
संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज सर्विस
देहरादून, 19 सितंबर। परम पूज्य संस्कार प्रणेता ज्ञानयोगी जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्तोत्र उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महामुनिराज का चार दिवसीय भव्यतिभव्य 31 वा दीक्षा महोत्सव ग्रैंड युफोरिया रिसोर्ट कारगी पर 31 व पुष्प वर्षा योग समिति एवं सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा आज दूसरे दिन श्री जी का अभिषेक कर शांतिधारा की गयी। जिसमे प्रथम कलश करने का सौभाग्य राजीव जैन चकराता वालो को प्राप्त हुआ, शांतिधारा आशीष जैन द्वारा की गयी। इसके पश्चात कर्म दहन महामंडल विधान का आयोजन किया गया। आचार्य सौरभ सागर ने कहा कि इस विधान में सिद्धपरमेष्ठियों को समर्पित मंत्रों और स्तुतियों का प्रयोग किया जाता है, जिसमें अरघ, दीप, धूप, फल आदि अर्पण किए जाते हैं। यह पूजा आत्मशुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के उद्देश्य से की जाती है, जैसा कि सिद्धगुणों की प्राप्ती हेतु की जाने वाली आरती से स्पष्ट होता है। कर्मदहन विधान जैन धर्म से संबंधित एक व्रत या तपस्या है, जिसमें ज्ञानावरणादि आठ कर्मों की १४८ प्रकृतियों को समाप्त करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए विशेष उपवास और पूजा का पालन किया जाता है। इस विधान में कर्मों के नाश के लिए विभिन्न तिथियों के अनुसार उपवास किया जाता है, और अंतिम चरण में सिद्धों के आठ गुणों के लिए भी उपवास किए जात है। दुख ओटो अपडेट नहीं फिर भी डाउनलोड हो जाता है सुख में वायरस नहीं फिर भी हैंग हो जाता है फीलिंग का मेमोरी कार्ड नहीं फिर भी स्टोरेज हो जाता है रिलेशनशिप में कैमरा नहीं फिर भी सेल्फी हो जाती है सेल्फी मतलब स्वार्थी इसमें सेल्फी लेने वाले की फोटो बड़ी आती है बाकी सब की छोटी आती है। स्वार्थी लोगों का ऐसा ही हो गया है, जिंदगी व्हाट्सएप नहीं फिर भी लास्ट सीन हो जाता है। इंसान मोबाइल नहीं फिर भी बदल जाता है, हमारी जिंदगी मोबाइल की तरह हो गई है। इसलिए अच्छा करो अच्छा सोचो अच्छे कर्म करो, कर्मों का दहन ज्ञानावरण, दर्शनावरण, वेदनीय, मोहनीय, नाम, गोत्र, आयु और अंतराय नामक अष्ट कर्मों को “कर्म” कहते हैं। इन कर्मों की १४८ प्रकृतियों को दहन करने या नष्ट करने के लिए कर्मदहन व्रत रखा जाता है, जिससे आत्मा शुद्ध होती है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन ने बताया कि संध्याकालीन बेला में आज विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री अमित जैन राहुल जैन, सिद्धार्थ मेडिकल रहे। पुष्प वर्षायोग समिति द्वारा मुख्य अतिथि का माला पटका पहनाकर सम्मान किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा भगवान् महावीर स्वामी के चित्र के सम्मुख दीप प्रजवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कवि सम्मेलन में भारत देश के जाने माने प्रख्यात कवि श्री हरी ओम पवार, श्री सौरभ सुमन, अनामिका जैन अम्बर, डा प्रतीक गुप्ता, श्री विनोद पाल, श्रीमती मंजू यादव ने अपनी कविताओं से सभी श्रोताओं के मन को मोहा। इस अवसर पर देहरादून में विभिन्न स्थानों से आए लोग गुरु भक्ति गुरु पूजन में धर्म लाभ उठा रहे हैं जिसमें देहरादून जैन समाज के सभी गणमान्य सभी समितियां के पदाधिकारी सदस्य बढ़-चढ़कर सहभागिता कर रहे हैं।
